भारत इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए तैयार है। इस बीच, पूर्व गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने इंग्लैंड की परिस्थितियों के मुताबिक एक मजबूत और संतुलित गेंदबाजी लाइन-अप का समर्थन किया है। यह सीरीज 20 जुलाई से हेडिंग्ले, लीड्स में शुरू होगी और शुभमन गिल के नेतृत्व में भारत के नए टेस्ट युग की शुरुआत करेगी। रोहित शर्मा के संन्यास के बाद गिल को कप्तानी सौंपी गई है। वहीं विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से दूर रहने के चलते यह सीरीज न केवल कप्तानी में बदलाव लाएगी, बल्कि गेंदबाजी रणनीति को लेकर भी स्पष्ट सोच की ज़रूरत होगी।
अर्शदीप सिंह या प्रसिद्ध कृष्णा?
भरत की सुझाई गई टीम में सबसे खास बात यह है कि उन्होंने प्रसिद्ध कृष्णा की जगह अर्शदीप सिंह को शामिल करने का सुझाव दिया। भारत के पास पहले से ही मोहम्मद सिराज और जसप्रीत बुमराह जैसे अनुभवी तेज गेंदबाज हैं, ऐसे में अर्शदीप जैसे बाएं हाथ के गेंदबाज की मौजूदगी गेंदबाजी आक्रमण में नई विविधता ला सकती है। अरुण के मुताबिक, अर्शदीप की गेंदबाजी का बाएं हाथ का कोण और उसकी स्विंग इंग्लैंड की परिस्थितियों में बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है, खासकर दाएं हाथ के बल्लेबाजों के लिए जो आमतौर पर ऐसे गेंदबाजों का ज्यादा सामना नहीं करते, यहां तक कि नेट्स में भी नहीं।
अरुण ने बताया कि अगर अर्शदीप जैसे गेंदबाज का सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो वह बहुत खतरनाक साबित हो सकते हैं। उन्होंने कहा, “सिराज और बुमराह तो टीम में होने ही चाहिए। बाकी दो गेंदबाजों में मैं अर्शदीप को चुनूंगा, क्योंकि वह बाएं हाथ से गेंदबाजी करता है। बहुत से बल्लेबाजों को बाएं हाथ के गेंदबाजों के खिलाफ खेलने का मौका नहीं मिलता, इसलिए ऐसे गेंदबाज खास तौर पर असरदार साबित हो सकते हैं।” जहां प्रसिद्ध कृष्णा रफ्तार और उछाल लाते हैं, वहीं अर्शदीप की खासियत है गेंद को दोनों तरफ स्विंग कराना, जो इंग्लैंड की शुरुआत में ही बल्लेबाजों को मुश्किल में डाल सकती है।
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कुलदीप यादव या वाशिंगटन सुन्दर?
अरुण ने एक और साहसिक सुझाव देते हुए स्पिन विभाग में रवींद्र जडेजा के साथ वाशिंगटन सुंदर के बजाय कुलदीप यादव को शामिल करने की बात कही है। हालांकि, सुंदर एक ऑफ-स्पिन ऑलराउंडर हैं और गेंदबाजी में नियंत्रण और संतुलन लाते हैं, लेकिन अरुण का मानना है कि कुलदीप यादव की कलाई की स्पिन इंग्लैंड में ज़्यादा असरदार हो सकती है।
अरुण ने कहा कि इंग्लैंड में ऐसे स्पिनर पहले भी सफल रहे हैं, जैसे कि शेन वॉर्न। कुलदीप के पास भी वह कौशल है जो उन्हें इंग्लैंड में कामयाब बना सकता है, खासकर जब पिच में थोड़ी नमी हो या मैच की दूसरी पारी में पिच खराब हो जाए। कलाई के स्पिनरों की खास बात यह होती है कि वे हल्की मदद वाली पिच पर भी तेज टर्न और उछाल हासिल कर सकते हैं।
लाल गेंद से कुलदीप का हालिया प्रदर्शन भी अच्छा रहा है और उनका नियंत्रण अब पहले से बेहतर हुआ है। अरुण मानते हैं कि भले ही कुलदीप पहली पारी में तुरंत प्रभाव न डालें, लेकिन दूसरी पारी में वह बड़े मैच विनर साबित हो सकते हैं। उन्होंने कहा, “कलाई के स्पिनर खासकर इंग्लैंड में हमेशा से असरदार रहे हैं। कुलदीप में वह सारी खूबियाँ हैं, जो उन्हें इस दौरे पर सफल बना सकती हैं। गेंदबाजी आक्रमण भले ही थोड़ा नया हो, लेकिन उसमें बहुत क्षमता है। मैं कुलदीप को जरूर खिलाना चाहूंगा।”
भरत अरुण का पांच गेंदबाजों वाली रणनीति पर जोर
अरुण, जिन्होंने भारतीय गेंदबाजी कोच के रूप में टीम की गेंदबाजी क्रांति में अहम भूमिका निभाई, विदेशी दौरों पर खासकर इंग्लैंड में टेस्ट जीतने के लिए पांच गेंदबाजों की रणनीति को सबसे सही मानते हैं। उनका कहना है कि इंग्लैंड की परिस्थितियां तेजी से बदलती हैं और वहां टेस्ट जीतने के लिए विपक्षी टीम को 20 विकेट लेना जरूरी होता है।
इसलिए गेंदबाजी में सिर्फ कौशल नहीं, बल्कि धैर्य और विविधता भी ज़रूरी है। अरुण मानते हैं कि नीतीश कुमार रेड्डी, जडेजा और शार्दुल ठाकुर जैसे ऑलराउंडरों की मौजूदगी भारत को यह मौका देती है कि वह बल्लेबाजी की गहराई से समझौता किए बिना एक अतिरिक्त गेंदबाज को टीम में शामिल कर सके। जडेजा गेंदबाजी में नियंत्रण और निचले क्रम में उपयोगी रन बनाते हैं, जिससे भारत कुलदीप यादव को दूसरे स्पिनर के रूप में आज़मा सकता है। बुमराह, सिराज, अर्शदीप, जडेजा और कुलदीप की यह गेंदबाजी इकाई भले ही ज़्यादा अनुभवी न हो, लेकिन इनकी विविधता जैसे दाएं-बाएं का संतुलन, सीम, स्विंग और स्पिन इन्हें बेहद खतरनाक बनाती है।
अरुण ने यह भी कहा, “नीतीश रेड्डी और शार्दुल ठाकुर में से किसी एक को चुनना होगा। दोनों अच्छे ऑलराउंडर हैं। नीतीश 130 किमी/घंटा से तेज गेंदबाजी कर सकते हैं और शार्दुल भी गेंदबाजी-बल्लेबाजी दोनों में उपयोगी हैं। फैसला इस पर होगा कि उस वक्त कौन बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। विदेश में टेस्ट जीतने के लिए पांच गेंदबाज ज़रूरी होते हैं।”