संजय मांजरेकर ने साफ कहा है कि वह टेस्ट क्रिकेट में रोहित शर्मा और विराट कोहली को ‘ROKO’ (रोहित+कोहली) नाम से एक साथ जोड़ने के बढ़ते चलन के समर्थक नहीं हैं। रोहित और कोहली दोनों ने मई 2025 में कुछ ही दिनों के अंतर पर टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया, जिस पर क्रिकेट जगत में भावनात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली।
संजय मांजरेकर ने रोहित शर्मा-विराट कोहली टेस्ट मैच की बहस को बंद कर दिया
पूर्व भारतीय क्रिकेटर और अब कमेंटेटर मांजरेकर ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर करते हुए रोहितऔर विराट को टेस्ट क्रिकेट में एक साथ ‘रोको’ नाम से जोड़ने की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि दोनों खिलाड़ियों को तुलना करके नहीं, बल्कि उनके टेस्ट करियर को अलग-अलग देखकर आंका जाना चाहिए। मांजरेकर का मानना है कि कोहली ने टेस्ट क्रिकेट में जो दबदबा बनाया है, वह उन्हें एक अलग ही लीग में रखता है।
उन्होंने यह भी कहा कि ‘रोको’ जैसे नाम सफेद गेंद वाले क्रिकेट में तो चल सकते हैं, लेकिन टेस्ट क्रिकेट के लिए यह नाम गलत और भ्रमित करने वाला है। मांजरेकर ने यह प्रतिक्रिया भारत के नए टेस्ट कप्तान शुभमन गिल के उस बयान के बाद दी जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें इंग्लैंड दौरे पर रोहित और कोहली की गैरमौजूदगी का दबाव महसूस नहीं होगा।
मांजरेकर ने कहा, “यह बयान सुनकर मेरे मन में एक बात उठी जो काफी समय से थी। ये बात बयान से ज्यादा इस सोच की है कि रोहित और कोहली को हमेशा साथ जोड़कर देखा जाता है। ‘रोको’ नाम दिया गया है। मैं मानता हूं कि सफेद गेंद क्रिकेट में इनकी तुलना हो सकती है, लेकिन टेस्ट में दोनों का सफर अलग रहा है, और कोहली इस फॉर्मेट में सबसे अलग हैं।”
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मांजरेकर के अनुसार विराट कोहली की टेस्ट विरासत रोहित से कहीं बेहतर है
मांजरेकर ने अपने बयान को ठोस आंकड़ों के साथ मजबूत किया और बताया कि टेस्ट क्रिकेट में विराट और रोहित की तुलना करना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि कोहली ने रोहित की तुलना में टेस्ट क्रिकेट में कहीं ज्यादा उपलब्धियां हासिल की हैं।
कोहली ने मई 2025 में रोहित के बाद टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया। उन्होंने 123 टेस्ट मैचों में 46.8 की औसत से रोहित से दोगुने से ज्यादा रन बनाए। कोहली भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान भी रहे, जिन्होंने 68 मैचों में 40 जीत दर्ज कीं। मांजरेकर ने खासतौर पर इस बात पर जोर दिया कि कोहली ने दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया (SENA देशों) में 12 शतक लगाए हैं, जो किसी भी बल्लेबाज के लिए सबसे कठिन परिस्थितियां मानी जाती हैं। वहीं रोहित, का औसत टेस्ट करियर में 40.57 रहा। SENA देशों में उन्होंने 100 से ज्यादा पारियां खेलीं लेकिन सिर्फ एक शतक लगाया, जो 2021 में ओवल में आया था। मांजरेकर ने कहा कि अगर रोहित इंग्लैंड के आगामी 5 टेस्ट मैचों की सीरीज में खेलते, तो उनका औसत गिरकर 30 के दशक में पहुंच सकता था।
मांजरेकर ने कहा, “जब टेस्ट क्रिकेट की बात आती है, तो कोहली और रोहित की कोई तुलना नहीं है। कोहली के पास SENA देशों में 12 शतक हैं, जो इस फॉर्मेट की असली परीक्षा मानी जाती है। रोहित ने इतनी पारियों के बावजूद सिर्फ एक शतक लगाया है। ऐसे में मैं दोनों को कभी एक श्रेणी में नहीं रखूंगा।”