भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सके जब विराट कोहली ने अचानक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया। यह खबर इंग्लैंड दौरे से ठीक पहले आई, जिसने 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ शुरू हुए उनके शानदार टेस्ट करियर को अचानक विराम दे दिया। सोनी स्पोर्ट्स के पैनल में बैठे शास्त्री, जो कोच रहते हुए कोहली के साथ भारत के कई यादगार पल जी चुके हैं, कोहली की इस घोषणा से इतने भावुक हो गए कि उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। खास बात ये रही कि कोहली ने बिना किसी विदाई मैच के ही चुपचाप टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया।
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गहरी भावनाओं के साथ बोलते हुए शास्त्री ने कहा, “विराट ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है, जो वाकई दुखद है क्योंकि वह एक महान खिलाड़ी हैं। लोग तब समझते हैं कि कोई खिलाड़ी कितना बड़ा था जब वह खेलना बंद कर देता है।” उनका ये बयान उन लाखों फैन्स की भावनाओं को दर्शाता है जो पिछले एक दशक से कोहली के जुनून, नेतृत्व और शानदार खेल के दीवाने रहे हैं।
शास्त्री ने ज़ोर देकर कहा कि कोहली की महानता सिर्फ आंकड़ों से नहीं मापी जा सकती। उन्होंने कहा, “आंकड़े उनका पूरा मूल्य नहीं बताते। असली बात ये है कि उन्होंने खुद को किस अंदाज़ में पेश किया, खासकर टेस्ट क्रिकेट के एक सच्चे ब्रांड एंबेसडर के तौर पर।” शास्त्री ने कोहली की विदेशों में, खासकर लॉर्ड्स जैसे बड़े मैदानों पर, शानदार पारियों और उनके आक्रामक स्वभाव को याद किया जिसने कई मैचों का रुख बदल दिया।
उन्होंने कहा, “विराट ने जैसे विदेशों में खेला और टीम को आगे बढ़ाया, वो किसी सपने जैसा था। मैं खुश हूं कि मैं उस दौर का हिस्सा रहा।” कोहली के अचानक रिटायरमेंट पर शास्त्री ने अपनी निराशा भी जताई। उन्होंने कहा कि यह फैसला बेहतर बातचीत और योजना के साथ संभाला जा सकता था। शास्त्री ने कहा, “मुझे दुख है कि वो बिना किसी अलविदा मैच के ऐसे चले गए। चयनकर्ताओं को इस पर और बातचीत करनी चाहिए थी।”
यहां तक कि शास्त्री ने कहा, “अगर मुझसे पूछा जाता, तो मैं ऑस्ट्रेलिया दौरे के तुरंत बाद उन्हें दोबारा कप्तान बना देता।” यह बात उन्होंने उस सीरीज़ के संदर्भ में कही जिसमें कोहली कप्तान नहीं थे, लेकिन उन्होंने बेहतरीन फॉर्म और नेतृत्व की झलक दिखाई थी। शास्त्री का मानना है कि अगर कोहली को फिर से कप्तानी सौंपी जाती, तो शायद उनका टेस्ट करियर और लंबा चलता और एक बेहतर अंत मिलता।
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Ravi Shastri weighs in on Virat Kohli's Test retirement 🏏
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विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट को कहा अलविदा: एक सुनहरा सफर खत्म
विराट, जो भारत के सबसे कामयाब बल्लेबाजों में से एक रहे हैं, ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। उन्होंने अपने करियर में कुल 123 टेस्ट मैच खेले और 46.85 की औसत से 9,230 रन बनाए। इसमें 30 शतक और 31 अर्धशतक शामिल हैं। टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले भारतीय बल्लेबाजों की सूची में वह चौथे नंबर पर हैं। उनसे आगे सिर्फ़ सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और सुनील गावस्कर हैं।
कोहली का संन्यास सिर्फ एक महान बल्लेबाज के करियर का अंत नहीं है, बल्कि यह भारतीय टेस्ट टीम की एक मजबूत और आक्रामक कप्तानी के युग का भी अंत है। बतौर कप्तान उन्होंने 68 टेस्ट मैचों में भारत की अगुवाई की और 40 में जीत दिलाई, जो अब तक का सबसे अच्छा रिकॉर्ड है। जब उन्होंने कप्तानी संभाली, तब टीम बदलाव के दौर से गुजर रही थी। लेकिन कोहली ने इसे एक फिट और दमदार टीम में बदला, जो कहीं भी जाकर मैच जीतने में सक्षम थी। उन्होंने टीम में फिटनेस को बहुत अहमियत दी और तेज गेंदबाजों को मजबूत हथियार बनाया। उनका जाना भारतीय क्रिकेट के लिए एक बड़ा झटका है, लेकिन उनके द्वारा बनाई गई टीम और सोच आने वाले खिलाड़ियों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देती रहेगी।