• माइकल वॉन और एलिस्टेयर कुक ने पांच प्रदर्शन मानकों का उपयोग करके विराट कोहली बनाम रूट जो की बहस को सुलझाया।

  • कोहली और रूट दोनों ने क्रिकेट इतिहास में अद्वितीय उपलब्धियां दर्ज की हैं।

विराट कोहली बनाम जो रूट: माइकल वॉन और एलेस्टेयर कुक ने पांच मानदंडों के आधार पर तय किया अपना आदर्श बल्लेबाज़
Virat Kohli and Joe Root (Image Source: X)

क्रिकेट प्रतिभा से भरी इस पीढ़ी में दो नाम लगातार सभी प्रारूपों में अपनी महारत के साथ चमकते रहे हैं — विराट कोहली और जो रूट। आधुनिक युग के ये दिग्गज, भले ही अपने दृष्टिकोण और स्वभाव में भिन्न हों, लेकिन क्रिकेट इतिहास में अपनी-अपनी अद्वितीय विरासत स्थापित कर चुके हैं।

पूर्व इंग्लैंड कप्तान माइकल वॉन और एलेस्टेयर कुक हाल ही में एक हल्के-फुल्के क्रिकेट शो — The Overlap x Betfair’s Stick to Cricket — में शामिल हुए, जहां उन्होंने कोहली और रूट की तुलना पांच महत्वपूर्ण मापदंडों के आधार पर की। इस चर्चा में उनके साथ साथी दिग्गज डेविड ‘बम्बल’ लॉयड और फिल ‘टफर्स’ टफनेल भी मौजूद थे। हास्य, सम्मान और प्रशंसा के भाव से भरी इस बहस ने इन आधुनिक दिग्गजों की अनूठी खूबियों को और उजागर किया।

विराट कोहली बनाम जो रूट

1. रन-स्कोरिंग (सभी प्रारूपों में)

विजेता: विराट कोहली

वॉन और कुक दोनों ने सर्वसम्मति से कोहली को सभी प्रारूपों में सर्वश्रेष्ठ रन-स्कोरर माना। वॉन ने उन्हें “सर्वोच्च रन मशीन” कहते हुए उनकी टेस्ट, वनडे और टी20 में निरंतरता की प्रशंसा की। कुक ने कोहली की रन बनाने की भूख और सफेद गेंद के क्रिकेट में उनके प्रभावशाली आंकड़ों को रेखांकित किया।

2. बड़े मैचों में प्रदर्शन (सभी प्रारूपों में)

विजेता: विराट कोहली

महत्वपूर्ण मुकाबलों में कोहली की उपस्थिति और प्रदर्शन उन्हें फिर से विजेता बनाते हैं। कुक ने सफेद गेंद के चेज़र के रूप में उनके “अभूतपूर्व” रिकॉर्ड को रेखांकित किया, जबकि वॉन ने उन्हें “सीमित ओवरों के इतिहास में अब तक का सर्वश्रेष्ठ चेज़र” कहा।

3. कप्तानी (सभी प्रारूपों में)

विजेता: विराट कोहली

नेतृत्व के पहलू में भी कोहली को दोनों ने शीर्ष पर रखा। कुक ने कोहली के नेतृत्व में भारतीय टेस्ट क्रिकेट में आए “सांस्कृतिक परिवर्तन” पर प्रकाश डाला। वॉन ने कोहली के जाने के बाद भारतीय टीम में नेतृत्व की कमी को उनके प्रभाव का प्रमाण बताया। कोहली ने 68 टेस्ट में 40 जीत के साथ भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान के रूप में इतिहास रचा।

4. निरंतरता (विशेषकर टेस्ट में)

विजेता: जो रूट

यह वह श्रेणी थी जहां जो रूट ने बढ़त बनाई। कुक ने रूट की “अथक रन बनाने की क्षमता” की प्रशंसा की, जबकि वॉन ने उनकी तकनीकी दक्षता और सभी परिस्थितियों में निरंतर प्रदर्शन की सराहना की। 153 मैचों में सबसे तेज़ 13,000 टेस्ट रन बनाकर रूट ने टेस्ट क्रिकेट में अपनी बेजोड़ निरंतरता सिद्ध की है।

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5. दबाव को संभालना (सभी प्रारूपों में)

विजेता: विराट कोहली

यह श्रेणी सबसे अधिक चर्चा में रही। कुक ने भारत में कोहली पर बनी भारी सार्वजनिक और मीडिया निगरानी की ओर इशारा किया और स्वीकार किया कि कोहली जैसी मानसिक दृढ़ता दुर्लभ है। वॉन ने चुपचाप सहमति जताई और कोहली की स्थायी मानसिक ताकत की सराहना की। बहस का समापन वॉन के इस सवाल पर हुआ:

“अगर आपको सभी प्रारूपों के लिए एक बल्लेबाज़ चाहिए, तो वह कौन होगा?”
जिस पर कुक ने तुरंत जवाब दिया — “कोहली।”

हालांकि, जब बहस केवल टेस्ट क्रिकेट पर केंद्रित हुई, तो दोनों विशेषज्ञ जो रूट को सर्वश्रेष्ठ टेस्ट बल्लेबाज़ मानने पर सहमत हुए — उनकी शुद्ध तकनीक, मानसिक संतुलन और विशाल रन-संग्रह को देखते हुए।

 

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