हेडिंग्ले में इंग्लैंड और भारत के बीच पहले टेस्ट के पहले दिन नाटकीय घटनाक्रम में क्रिकेटर से कमेंटेटर बने संजय मांजरेकर ने शुभमन गिल की टेस्ट कप्तानी पर अपना पहले का रुख सार्वजनिक रूप से पलट दिया। टेस्ट मैचों में पहली बार भारत की कप्तानी कर रहे गिल ने नाबाद 127 रन बनाकर आलोचकों—जिनमें खुद मांजरेकर भी शामिल हैं—को चुप करा दिया और भारत को इंग्लैंड के खिलाफ मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया।
भारत के नए टेस्ट कप्तान पर संजय मांजरेकर की शुरुआती राय
अपनी बेबाक राय के लिए मशहूर मांजरेकर ने रोहित शर्मा के संन्यास के बाद जसप्रीत बुमराह को भारत का टेस्ट कप्तान बनाने के बारे में खुलकर बात की थी। “मैं उस समय की बात करना चाहूंगा जब उन्हें कप्तान बनाया गया था — ईमानदारी से कहूं तो मैं इसके खिलाफ था। मुझे लगा कि भविष्य के बारे में ज्यादा सोचे बिना जसप्रीत बुमराह बेहतर और तार्किक विकल्प होते। मुझे नहीं लगा कि वह सही फैसला था,” मांजरेकर ने स्टंप्स के बाद मैच सेंटर लाइव पर स्वीकार किया। हालांकि, बुमराह ने गंभीर पीठ की चोट का हवाला देते हुए कप्तानी से इनकार कर दिया था, जिसके कारण वे लगातार पांच टेस्ट नहीं खेल पाए थे। इससे 25 वर्षीय गिल के लिए अवसर खुल गए, जिनके विदेशों में टेस्ट रिकॉर्ड को लेकर पहले पंडितों और प्रशंसकों में चिंता थी।
टेस्ट कप्तानी पदार्पण पर शुभमन गिल का रिकॉर्ड शतक
सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल द्वारा ठोस शुरुआत के बाद मैदान पर उतरे गिल ने ब्रायडन कार्स, जोश टंग, क्रिस वोक्स और बेन स्टोक्स जैसे इंग्लैंड के आक्रमण के खिलाफ अपनी लय जल्दी हासिल कर ली। उन्होंने जायसवाल के साथ 129 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी की, जिन्होंने खुद शतक बनाया, और फिर ऋषभ पंत के साथ मिलकर भारत को स्टंप्स तक 359/3 पर पहुंचाया। मांजरेकर ने गिल के प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए कहा: “एकमात्र चिंता यह थी कि वह अभी भी विकसित हो रहा था, खासकर विदेशी परिस्थितियों में। लेकिन आज, उन्होंने उन प्रमुख तकनीकी क्षेत्रों पर ध्यान दिया, जो पहले उन्हें विदेशों में बड़ा शतक बनाने से रोकते थे। हां, पिच अच्छी थी और गेंदबाजी चुनौतीपूर्ण नहीं थी।”
गिल ने 175 गेंदों पर नाबाद 127 रन बनाए और टेस्ट कप्तानी में पदार्पण करते हुए शतक बनाने वाले पांचवें भारतीय बन गए। वे विजय हजारे, सुनील गावस्कर, दिलीप वेंगसरकर और विराट कोहली की श्रेणी में शामिल हो गए। उनकी पारी ने न केवल भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाया, बल्कि यह उनका विदेश में पहला शतक भी था, जो उनके करियर का महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
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मांजरेकर का यू-टर्न और टीम की सकारात्मकता
पहले दिन के खेल के खत्म होने के बाद मांजरेकर ने गिल की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, “शुभमन गिल ने विदेश में अपना पहला शतक बनाया है। ये बहुत बड़ी सकारात्मक बातें हैं। भारत के पास इस सीरीज में खोने के लिए कुछ नहीं है, उसे सिर्फ फायदा होगा।” मुंबई के पूर्व बल्लेबाज ने माना कि गिल के धैर्य और तकनीकी विकास ने नेतृत्व के लिए उनकी उपयुक्तता पर लंबे समय से चली आ रही शंकाओं को दूर कर दिया है, खासकर चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में।