काम के बोझ को ध्यान में रखते हुए बनाई गई योजना के तहत जसप्रीत बुमराह इंग्लैंड के खिलाफ 2 जुलाई से एजबेस्टन में होने वाले दूसरे टेस्ट में नहीं खेलेंगे।
कार्यभार प्रबंधन के कारण बुमराह के एजबेस्टन टेस्ट से बाहर रहने की संभावना
बुमराह ने हेडिंग्ले में पहले टेस्ट में 43.4 ओवर गेंदबाज़ी की थी और पहली पारी में शानदार 5 विकेट लिए थे। भारत को भले ही मैच में हार मिली, लेकिन बुमराह का प्रदर्शन बेहतरीन रहा। यह हार खास रही क्योंकि भारत टेस्ट इतिहास में पहली टीम बना जिसने पांच शतक लगाने के बाद भी मैच हारा। अब जब बुमराह दूसरा टेस्ट नहीं खेलेंगे, उनकी कमी टीम को जरूर महसूस होगी क्योंकि वो अहम समय पर विकेट लेने में माहिर हैं। बीसीसीआई पहले ही कह चुका है कि बुमराह केवल तीन टेस्ट खेलेंगे ताकि उनकी फिटनेस लंबे समय तक बनी रहे। दूसरा टेस्ट 2 जुलाई से बर्मिंघम में शुरू होगा और भारत को उनके बिना नई गेंदबाज़ी योजना बनानी होगी।
पहले टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ भारत की अप्रभावी गेंदबाजी
मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा, जो भारत की तेज गेंदबाज़ी की बाकी जोड़ी थे, ज़्यादा असरदार साबित नहीं हुए। सिराज ने दोनों पारियों में मिलाकर 2 विकेट लिए और 122 रन दिए, दूसरी पारी में उन्हें कोई सफलता नहीं मिली। वहीं प्रसिद्ध ने बहुत ज़्यादा रन खर्च किए। उन्होंने 35 ओवर में 220 रन देकर सिर्फ 5 विकेट लिए। बुमराह ने पहली पारी में 5 विकेट लेकर शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन दूसरी पारी में वह भी विकेट नहीं ले सके।
भारत के गेंदबाज़ दूसरी छोर से लगातार दबाव नहीं बना पाए, जिसका फायदा इंग्लैंड को मिला और उन्होंने टेस्ट इतिहास में अपने दूसरे सबसे बड़े लक्ष्य का पीछा कर लिया। अब एजबेस्टन टेस्ट से पहले भारत को सिर्फ बुमराह का विकल्प ही नहीं, बल्कि पूरे गेंदबाज़ी आक्रमण की रणनीति फिर से बनानी होगी।
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अर्शदीप बनाम आकाशदीप: एजबेस्टन में बुमराह की जगह लेने की होड़
1. आकाश दीप: सीम मूवमेंट और तेज़ शुरुआत करने की ताकत
आकाश दीप ने 2024 में रांची टेस्ट से शानदार शुरुआत की थी। उन्होंने इंग्लैंड के टॉप बल्लेबाज़ जैक क्रॉली, बेन डकेट और ओली पोप को जल्दी आउट कर दिया था। उनकी गेंद सीम मूव करती है और तेजी से स्किड होती है, इसलिए कई लोग उनकी तुलना मोहम्मद शमी से करते हैं। लेकिन भारत को उम्मीद है कि आकाश इंग्लैंड में शमी से बेहतर प्रदर्शन करेंगे, क्योंकि शमी का इंग्लैंड में औसत 40 से ज़्यादा है। हालाँकि, आकाश की शुरुआत दमदार रही, लेकिन बाद में उनका प्रदर्शन थोड़ा कमजोर रहा:
- 7 टेस्ट , औसत: 35.20
- लगातार अच्छे प्रदर्शन में कमी रही
फिर भी, उनकी एक खासियत है वो नई गेंद से अच्छी लेंथ पर गेंद डालते हैं, जिससे बल्लेबाज़ों को शुरुआत में परेशानी होती है। यह इंग्लैंड की पिचों पर बहुत काम आ सकता है।
2. अर्शदीप सिंह: बाएं हाथ की गेंदबाज़ी और इंग्लैंड का अनुभव
अगर टीम को विविधता चाहिए, तो अर्शदीप अच्छा विकल्प हो सकते हैं। वह बाएं हाथ से गेंदबाज़ी करते हैं, जिससे इंग्लैंड के ज़्यादातर दाएं हाथ के बल्लेबाज़ों को मुश्किल हो सकती है। उन्होंने काउंटी क्रिकेट (इंग्लैंड की घरेलू लीग) में केंट के लिए खेला है, जिससे उन्हें वहां की पिचों का अनुभव है:
- 5 काउंटी मैच , 13 विकेट , औसत: 41.76 (औसत थोड़ा ज़्यादा है, लेकिन अनुभव अहम है)
वो भारत के सबसे सफल टी20 गेंदबाज़ों में से एक हैं और टी20 वर्ल्ड कप 2024 जीतने में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई थी। टेस्ट क्रिकेट लंबा होता है, लेकिन अर्शदीप के पास रिवर्स स्विंग और रन रोकने की कला है जो इंग्लैंड की तेज़ खेलने वाली ‘बाज़बॉल’ रणनीति के खिलाफ कारगर हो सकती है।
अर्शदीप की ताकतें:
- बाएं हाथ का एंगल (जो भारत के बाकी तेज़ गेंदबाज़ों से अलग है)
- सफेद गेंद से मिला अनुभव अच्छे नियंत्रण में मदद करता है
- नई गेंद से दोनों तरफ स्विंग करने की क्षमता
लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि अर्शदीप ने अभी तक टेस्ट नहीं खेला है, और फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उनका औसत 30 से ऊपर है, जो बहुत भरोसा नहीं दिलाता।