भारतीय बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह इंग्लैंड के खिलाफ एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के दूसरे टेस्ट से पहले क्रिकेट के मैदान से परे अनोखे कारणों से सुर्खियों में हैं।
एजबेस्टन टेस्ट से पहले अर्शदीप सिंह ने ट्रोल को दिया जवाब
अर्शदीप, जिन्हें पांच मैचों की सीरीज के लिए पहली बार टेस्ट टीम में जगह मिली है, हाल ही में सोशल मीडिया पर ट्रोल किए गए थे। एक फैन ने स्नैपचैट पर उनकी आलोचना की और कहा कि अर्शदीप क्रिकेट से ज्यादा मौज-मस्ती करते हैं और “घूमने-फिरने” से भारत को मैच जीतने में मदद नहीं मिलेगी। उस फैन ने लिखा, “घूमने से कुछ नहीं होगा, पज्जी, मैच जितवाओ।”
लेकिन अर्शदीप ने इसका जवाब बहुत शांति और ठंडे दिमाग से दिया। उन्होंने बस कहा, “ठीक है बेटा जी।” उनका ये जवाब सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में आ गया और लोगों ने उनकी हिम्मत और आत्मविश्वास की तारीफ की। यह दिखाता है कि अर्शदीप कितना फोकस्ड है, खासकर जब वह एजबेस्टन में अगले टेस्ट के लिए तैयारी कर रहे हैं, जहां भारत को पिछले टेस्ट के आखिरी दिन मेजबानों से कड़ी हार मिली थी।
यह भी पढ़ें: ENG vs IND: अर्शदीप सिंह या आकाशदीप? एजबेस्टन टेस्ट में जसप्रीत बुमराह की कौन लेगा जगह

इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट के लिए अर्शदीप के खेलने की संभावना
अर्शदीप ने अभी तक भारत के लिए रेड-बॉल (टेस्ट) क्रिकेट में डेब्यू नहीं किया है, लेकिन हेडिंग्ले में पहले टेस्ट में भारत की कमजोर गेंदबाजी के बाद उन्हें टीम में शामिल करने की मांग बढ़ गई है। उस मैच में भारत ने इंग्लैंड को चौथी पारी में 371 रनों का लक्ष्य दिया था, लेकिन फिर भी पांच विकेट से हार गया था।
दूसरा टेस्ट 2 से 6 जुलाई तक बर्मिंघम के एजबेस्टन मैदान पर खेला जाएगा, जहां टीम इंडिया पर सीरीज में वापसी करने का दबाव बढ़ रहा है। इंग्लैंड का 371 रनों का लक्ष्य चौथी पारी में टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में दसवां सबसे बड़ा सफल लक्ष्य था। इस हार ने भारत की गेंदबाजी योजनाओं और प्रदर्शन की कमजोरियां सामने ला दीं। भारत के गेंदबाजों में बाएं हाथ के गेंदबाजी विकल्प की कमी और ज्यादा नियंत्रण की जरूरत महसूस की जा रही है। ऐसे में अर्शदीप का नाम फैंस के बीच तेजी से चर्चा में आ गया है।
अर्शदीप ने सफेद गेंद (वनडे और टी20) के मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया है और इंग्लैंड के काउंटी क्रिकेट में केंट टीम के साथ खेलकर लाल गेंद के अनुभव भी हासिल किया है। इसलिए वे टीम इंडिया की प्लेइंग-XI में जगह बनाने के लिए मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। अगर उन्हें चुना गया, तो यह उनके अंतरराष्ट्रीय करियर का एक महत्वपूर्ण कदम होगा और भारत को वह संतुलन भी दे सकता है, जिसकी लीड्स टेस्ट में कमी दिखी थी।