• वियान मुल्डर ने ब्रायन लारा के लंबे समय से चले आ रहे टेस्ट रिकॉर्ड को न तोड़ पाने के पीछे का कारण बताया है।

  • मुल्डर दक्षिण अफ्रीका की पहली पारी में 367 रन बनाकर नाबाद रहे।

जिम्बाब्वे बनाम दक्षिण अफ्रीका: वियान मुल्डर ने बताया कि वह ब्रायन लारा का 400 रन का टेस्ट रिकॉर्ड क्यों नहीं तोड़ पाए
वियान मुल्डर, ब्रायन लारा (पीसी: एक्स)

दक्षिण अफ्रीका के कार्यवाहक कप्तान वियान मुल्डर ने ज़िम्बाब्वे के खिलाफ दूसरे टेस्ट में एक खास फैसला लिया। उन्होंने अपनी टीम की पारी 626/5 के स्कोर पर घोषित कर दी, जबकि वो खुद ब्रायन लारा के सबसे बड़े व्यक्तिगत टेस्ट स्कोर के करीब थे। मुल्डर ने बुलावायो के क्वींस स्पोर्ट्स क्लब में 334 गेंदों में नाबाद 367 रन की शानदार पारी खेली, लेकिन रिकॉर्ड से सिर्फ कुछ रन दूर होने के बावजूद उन्होंने टीम की जरूरत को प्राथमिकता दी और पारी घोषित कर दी।

वियान मुल्डर ने ब्रायन लारा के ऐतिहासिक टेस्ट रिकॉर्ड को क्यों नहीं तोड़ा?

मुल्डर ने पारी घोषित करने के बाद अपने फैसले का कारण बताया और कहा कि उन्होंने टीम को पहले रखना जरूरी समझा। उन्होंने कहा, “मुझे लगा हमने काफी रन बना लिए हैं और अब गेंदबाजी करनी चाहिए।” उन्होंने महान बल्लेबाज ब्रायन लारा के लिए भी गहरा सम्मान जताया। मुल्डर ने कहा, “ब्रायन लारा एक महान खिलाड़ी हैं और उनके रिकॉर्ड को बनाए रखना बहुत खास बात है।”

हेड कोच शुकरी कॉनराड ने भी उन्हें सलाह दी थी कि “लीजेंड को बड़े स्कोर बनाने दो।” मुल्डर ने कहा कि उन्हें अपने फैसले पर कोई पछतावा नहीं है और वे फिर से यही निर्णय लेंगे क्योंकि टीम की सफलता उनकी पहली प्राथमिकता है। मुल्डर के नाबाद 367 रन की पारी दक्षिण अफ्रीका के क्रिकेट इतिहास में सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर बन गई है, जिसने हाशिम अमला के 311 रन के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है। साथ ही, यह किसी विदेशी मैदान पर दक्षिण अफ्रीका का सबसे बड़ा टेस्ट स्कोर भी है, जो एक खास उपलब्धि है।

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मुल्डर ने टीम को रखा पहले

मुल्डर ने टेस्ट क्रिकेट में बहुत ही तेज़ और शानदार बल्लेबाजी की। उन्होंने केवल 297 गेंदों में तिहरा शतक पूरा किया, जो टेस्ट इतिहास में दूसरा सबसे तेज तिहरा शतक है। लेकिन इसके बावजूद, मुल्डर ने अपनी व्यक्तिगत सफलता से ज्यादा टीम की जरूरतों को अहमियत दी। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता मेरा भाग्य क्या होगा, लेकिन ब्रायन लारा का रिकॉर्ड बनाए रखना सही है।” मुल्डर ने हमेशा टीम के मकसद को खुद से ऊपर रखा।

37 साल के मुल्डर टेस्ट क्रिकेट में कप्तानी करते हुए तिहरा शतक लगाने वाले पहले खिलाड़ी बन गए। उनकी यह उपलब्धि उन्हें खास क्लब में शामिल करती है। उनका तेज तिहरा शतक केवल भारतीय बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग के बाद दूसरा है, जिन्होंने 2008 में 278 गेंदों में यह कारनामा किया था। सहवाग से तुलना से मुल्डर की पारी की ताकत और भी बढ़ जाती है।

जिम्बाब्वे पर दक्षिण अफ्रीका का दबदबा जारी

दक्षिण अफ्रीका ने बुलावायो में पहले टेस्ट में 328 रनों से बड़ी जीत के बाद दूसरे टेस्ट में भी बढ़त बना ली है। मुल्डर ने अपनी टीम की पारी 626/5 पर घोषित की ताकि गेंदबाजों को ज्यादा समय मिल सके और टीम जल्दी से जीत की ओर बढ़ सके। उन्होंने व्यक्तिगत रिकॉर्ड से ज्यादा टीम की जीत को प्राथमिकता दी।

जवाब में, जिम्बाब्वे ने अपनी पहली पारी में सिर्फ 170 रन बनाए, जो फॉलो-ऑन के लिए काफी कम था। दूसरी पारी में भी वे धीमी शुरुआत कर रहे हैं और दिन का खेल 51/1 पर खत्म हुआ, वे अभी भी 405 रन पीछे हैं। अब जिम्बाब्वे के लिए यह बड़ा काम है कि वे पारी की हार से बचें, जबकि दक्षिण अफ्रीका जीत की तैयारी कर रही है।

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