क्रिकेट के सबसे बड़े महान खिलाड़ियों में गिने जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने एक और खास उपलब्धि हासिल कर ली है। इंग्लैंड और भारत के बीच लॉर्ड्स में तीसरे टेस्ट से एक दिन पहले, तेंदुलकर का चित्र मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (MCC) संग्रहालय में लगाया गया। वे ऐसा सम्मान पाने वाले पाँचवें भारतीय क्रिकेटर बन गए हैं।
यह सम्मान न सिर्फ उनकी महानता को दर्शाता है, बल्कि भारतीय क्रिकेट और लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान के बीच खास रिश्ते का भी प्रतीक है। यह चित्र मशहूर कलाकार स्टुअर्ट पियर्सन राइट ने बनाया है और इसे कुछ समय के लिए एमसीसी संग्रहालय में रखा जाएगा। बाद में इसे लॉर्ड्स के पवेलियन में लगाया जाएगा, जहाँ यह क्रिकेट इतिहास में तेंदुलकर की याद को और मजबूत करेगा।
सचिन तेंदुलकर के चित्र के पीछे की कहानी
एमसीसी में भारतीय क्रिकेट के महान खिलाड़ियों की पहले लगी तस्वीरें पूरी लंबाई की थीं, लेकिन तेंदुलकर की तस्वीर अलग है। यह उनके सिर और कंधों का एक शानदार, बड़े आकार का चित्र है। इस तस्वीर को मशहूर कलाकार स्टुअर्ट पियर्सन राइट ने बनाया है, जिन्होंने पहले कपिल देव, बिशन सिंह बेदी और दिलीप वेंगसरकर की तस्वीरें भी बनाई हैं।
यह पेंटिंग 18 साल पहले तेंदुलकर के मुंबई स्थित घर में ली गई एक फोटो से प्रेरित है। इसकी पृष्ठभूमि अमूर्त रखी गई है, जिससे तेंदुलकर की ‘समय से परे’ पहचान और प्रभाव को दर्शाया गया है। इसका मतलब है कि उनका असर सिर्फ उनके दौर तक सीमित नहीं है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों पर भी रहेगा। एमसीसी का लॉर्ड्स पोर्ट्रेट कार्यक्रम अब तीसरे दशक में है और इसका मकसद क्रिकेट के सबसे बड़े योगदान देने वाले खिलाड़ियों को सम्मान देना है। यह संग्रहालय 1950 के दशक में शुरू हुआ था और इसे यूरोप का सबसे पुराना खेल संग्रहालय माना जाता है। इसकी ‘लॉन्ग रूम गैलरी’ खेल की दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित स्थानों में गिनी जाती है।
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तेंदुलकर ने अपनी यात्रा पर दी प्रतिक्रिया
तेंदुलकर के लिए लॉर्ड्स में उनका चित्र लगना सिर्फ एक सम्मान नहीं, बल्कि एक बेहद खास और निजी उपलब्धि है। अपनी शुरुआती यादों को याद करते हुए उन्होंने कहा, “1983 में जब भारत ने वर्ल्ड कप जीता था, तब मैंने पहली बार लॉर्ड्स को टीवी पर देखा था। मैंने हमारे कप्तान कपिल देव को ट्रॉफी उठाते देखा, और वही पल मेरी क्रिकेट यात्रा की शुरुआत बना।”
अब, इतने सालों बाद जब पवेलियन में उनका खुद का चित्र लगाया गया, तो तेंदुलकर ने इस पल को “वाकई बहुत खास” बताया और कहा, “ऐसा लग रहा है जैसे ज़िंदगी पूरा चक्कर लगा चुकी है।” अपने 24 साल लंबे करियर में तेंदुलकर ने अलग-अलग फॉर्मेट में 34,357 रन बनाए और दुनियाभर के क्रिकेटरों और फैन्स को प्रेरित किया। लॉर्ड्स में उनके चित्र की मौजूदगी न सिर्फ उनकी उपलब्धियों को सम्मान देती है, बल्कि यह दुनिया के हर युवा खिलाड़ी के लिए एक प्रेरणा बन गई है।