किंग्स्टन के सबीना पार्क में ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के बीच तीसरे टेस्ट मैच में खूब ड्रामा, तेज़ खेल और भावनाओं का उतार-चढ़ाव देखने को मिला। एक ओर जहां ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ों ने शानदार प्रदर्शन किया और वेस्टइंडीज की टीम जल्दी ढेर हो गई, वहीं दूसरी ओर मैच के दूसरे दिन ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस और अंपायर नितिन मेनन के बीच हुई बहस ने सबका ध्यान खींचा। यह बहस काफी गर्म हो गई थी और मैदान पर तनाव साफ नज़र आ रहा था। मैच में विकेट लगातार गिरते रहे जिससे मुकाबला और भी रोमांचक बन गया। हालांकि ऑस्ट्रेलिया ने बढ़त बना ली, लेकिन उनकी बल्लेबाज़ी में भी कुछ कमजोरियाँ दिखीं, जिससे यह साफ हुआ कि मैच अभी पूरी तरह एकतरफा नहीं है।
पिंक बॉल टेस्ट के दूसरे दिन पैट कमिंस और नितिन मेनन के बीच तीखी बहस
वेस्टइंडीज की पहली पारी के 24वें ओवर में मैच का सबसे अहम पल आया। उस समय मेज़बान टीम का स्कोर 52 रन पर 2 विकेट था। जॉन कैंपबेल ने मिशेल स्टार्क की गेंद को मिड-ऑन की तरफ खेला और एक जोखिम भरा रन लेने के लिए दौड़ पड़े। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान कमिंस तुरंत सतर्क हुए और तेजी से गेंद उठाकर नॉन-स्ट्राइकर छोर पर सीधे थ्रो मारा।
ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को लगा कि कैंपबेल रन आउट हो चुके हैं, लेकिन उन्होंने इस पर कोई औपचारिक अपील नहीं की। अंपायर नितिन मेनन ने नियमों के अनुसार, बिना अपील के थर्ड अंपायर को रेफर नहीं किया। इस पर कमिंस नाराज़ हो गए और मेनन से बहस करने लगे। यह बातचीत लाइव टेलीविजन पर भी दिखाई गई। कमिंस ने कहा, “आप बस चेक क्यों नहीं कर लेते?” जिससे उनका गुस्सा और मैच का दबाव साफ़ झलक रहा था।
करीब एक मिनट तक दोनों के बीच बातचीत चली, जिसने दिखाया कि टेस्ट क्रिकेट में छोटे-छोटे फैसले कितने अहम हो सकते हैं। कैंपबेल उस मौके पर बच गए, लेकिन ज्यादा देर नहीं टिके। करीब दस ओवर बाद स्कॉट बोलैंड ने उन्हें 36 रन पर एलबीडब्ल्यू आउट कर दिया। वे उस पारी में वेस्टइंडीज के सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ रहे।
यह भी पढ़ें: अजिंक्य रहाणे ने तोड़ी चुप्पी: टेस्ट वापसी और चयनकर्ताओं पर दिया बड़ा बयान
दृश्य इस प्रकार हैं:




ऑस्ट्रेलिया ने तीसरे टेस्ट में वेस्टइंडीज पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली
इस झड़प के बाद वेस्टइंडीज की पारी पूरी तरह से बिखर गई। जहां उनका स्कोर पहले 2 विकेट पर 52 रन था, वहीं उन्होंने बाकी के 8 विकेट सिर्फ 85 रन के अंदर गंवा दिए और पूरी टीम 52.1 ओवर में 143 रन पर ऑलआउट हो गई। सिर्फ जॉन कैंपबेल (36 रन) और शाई होप (23 रन) ही 20 रन का आंकड़ा पार कर पाए।
ऑस्ट्रेलिया के तेज़ गेंदबाजों ने शानदार गेंदबाज़ी की। स्कॉट बोलैंड (3 विकेट), पैट कमिंस (2 विकेट) और जोश हेज़लवुड (2 विकेट) ने कड़ी लाइन-लेंथ पर गेंदबाज़ी की और हालात का पूरा फायदा उठाया। वेस्टइंडीज के बल्लेबाज़ों का शॉट चयन बेहद खराब रहा। इसका उदाहरण मिकाइल लुईस की वह गैर ज़िम्मेदाराना शॉट था जिसमें उनका स्टंप उखड़ गया। पूर्व विकेटकीपर ब्रैड हैडिन ने इसे “पूरी तरह से दिमागी गड़बड़” बताया।
हालांकि, ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी भी उतनी मजबूत नहीं रही। कैमरून ग्रीन ने नाबाद 42 रन बनाकर एक छोर संभाले रखा, लेकिन उनके आसपास विकेट गिरते रहे। वेस्टइंडीज के गेंदबाज अल्जारी जोसेफ (3 विकेट) और शमर जोसेफ (2 विकेट) ने दमदार वापसी करते हुए मैच में रोमांच बनाए रखा।