इंग्लैंड ने लॉर्ड्स में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में भारत को 22 रन से हराकर एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी की पाँच मैचों की सीरीज़ में 2-1 से बढ़त बना ली। मैच में कई बार भारत मज़बूत स्थिति में था, लेकिन आखिरी समय पर टीम लड़खड़ा गई और जीत से चूक गई।
लॉर्ड्स में भारत की इंग्लैंड से हार के तीन प्रमुख कारण:
1. अहम मौकों पर बल्लेबाज़ी का ढह जाना
भारत की बल्लेबाज़ी दोनों पारियों में दबाव में बिखर गई। खासतौर पर आखिरी दिन 193 रनों के आसान लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम पूरी तरह नाकाम रही।पाँचवें दिन भारत ने 58/4 से शुरुआत की, लेकिन सिर्फ 54 रन में चार विकेट गंवाकर लंच तक स्कोर 112/8 हो गया। यशस्वी जायसवाल पहली ही गेंद पर आउट हो गए, करुण नायर शुरुआत को बड़े स्कोर में नहीं बदल सके और कप्तान शुभमन गिल भी जल्दी लौट गए। केएल राहुल जो टिककर खेल रहे थे, उन्हें बेन स्टोक्स की बेहतरीन गेंद ने चौंका दिया। सिर्फ रवींद्र जडेजा (नाबाद 61) ही टिक पाए, लेकिन उन्हें किसी का साथ नहीं मिला और भारत 170 रन पर ऑलआउट हो गया। पहली पारी में भी भारत एक समय 376/6 पर था, लेकिन आखिरी चार विकेट सिर्फ 11 रन पर गिर गए और टीम 387 पर सिमट गई। इस तरह भारत मजबूत स्थिति में होते हुए भी बढ़त नहीं ले पाया और इंग्लैंड को वापसी का मौका मिल गया।
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2. इंग्लैंड की आक्रामक गेंदबाज़ी और रणनीति
इंग्लैंड के तेज़ गेंदबाज़ों ने पूरे मैच में शानदार प्रदर्शन किया। बेन स्टोक्स और जोफ्रा आर्चर ने लंबी और आक्रामक गेंदबाज़ी कर भारतीय बल्लेबाज़ों पर दबाव बनाए रखा। स्टोक्स ने आखिरी दिन 14 ओवर का लंबा स्पेल डालकर केएल राहुल समेत कई अहम विकेट लिए। आर्चर ने भी कई महत्वपूर्ण विकेट झटके और निचले क्रम के बल्लेबाज़ों को परेशान किया। ब्रायडन कार्स और क्रिस वोक्स ने भी अहम समय पर विकेट लिए। वोक्स ने लंच से ठीक पहले नितीश रेड्डी को आउट कर भारत की उम्मीदों को झटका दिया। चोट के बावजूद शोएब बशीर ने भी एक अहम विकेट लिया। इंग्लैंड ने फील्डिंग में भी अच्छी प्लानिंग और बदलाव दिखाए, जिससे भारतीय बल्लेबाज़ों से लगातार गलतियाँ होती रहीं।
3. फील्डिंग में चूक और रनिंग में गड़बड़ी
मैच में भारत की फील्डिंग और रनिंग के स्तर ने भी हार में भूमिका निभाई। केएल राहुल ने इंग्लैंड के बल्लेबाज़ जैमी स्मिथ का आसान कैच छोड़ा, जब वह सिर्फ 5 रन पर थे। बाद में उन्होंने 51 रन बना दिए, जो निचले क्रम के लिए बहुत कीमती साबित हुए। पहली पारी में ऋषभ पंत और राहुल के बीच 141 रन की साझेदारी हुई थी, लेकिन पंत के रन आउट होने के बाद टीम का स्कोर जल्दी गिर गया। यह गलतफहमी भारत के बड़े स्कोर की उम्मीदों को तोड़ गई। इसके अलावा, कुछ रणनीतिक फैसले भी सवालों के घेरे में आए जैसे वॉशिंगटन सुंदर को नितीश रेड्डी से ऊपर भेजना और दबाव में कुछ गलत शॉट खेलना। ये सभी गलतियाँ ऐसे मैच में भारी पड़ीं, जहाँ हर रन और हर निर्णय अहम था।