इंग्लैंड और भारत के बीच चल रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ अब तक तीन रोमांचक मुकाबलों के साथ दिलचस्प मोड़ ले चुकी है। इंग्लैंड ने बेन स्टोक्स की कप्तानी में पहला और तीसरा टेस्ट जीतकर 2-1 की बढ़त बना ली है। भारत ने शुभमन गिल की अगुवाई में दूसरा टेस्ट जीतकर वापसी तो की, लेकिन लॉर्ड्स में फिर से हार गया। अब चौथा टेस्ट 23 जुलाई से मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में खेला जाएगा, जो भारत के लिए बहुत अहम है अगर भारत यह मैच नहीं जीतता, तो सीरीज़ हार जाएगा। इस सीरीज़ में सिर्फ बेहतरीन क्रिकेट ही नहीं देखने को मिला है, बल्कि दोनों टीमों के बीच मैदान पर कई गर्मागर्म पल भी आए हैं, खासकर लॉर्ड्स टेस्ट में। इंग्लैंड का आक्रामक खेल साफ दिखाता है कि उन्होंने अपनी रणनीति में जानबूझकर बदलाव किया है।
हैरी ब्रूक ने बताया कि उन्होंने ‘अच्छे लोगों’ वाला दृष्टिकोण क्यों छोड़ दिया
हाल ही में बीबीसी स्पोर्ट से बात करते हुए इंग्लैंड के बल्लेबाज़ हैरी ब्रूक ने बताया कि उनके कोच ब्रेंडन मैकुलम ने लॉर्ड्स टेस्ट के दौरान टीम के ज़्यादा मिलनसार व्यवहार को लेकर चिंता जताई थी। ब्रुक ने कहा, “कोच ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि हम कभी-कभी ज़रूरत से ज़्यादा अच्छे हो जाते हैं।” उन्होंने बताया कि मैकुलम की ये बात उन्होंने लॉर्ड्स टेस्ट के आखिरी दिन से एक रात पहले याद की थी। इसके बाद इंग्लैंड की टीम ने और आक्रामक रवैया अपनाया। ब्रुक ने कहा, “मुझे लगता है कि हमारे पास उन्हें जवाब देने का अच्छा मौका है।” यह सब उस वक्त हुआ जब तीसरे दिन गिल ने इंग्लैंड के खिलाड़ी जैक क्रॉली को स्लेजिंग की और उन पर व बेन डकेट पर जानबूझकर समय बर्बाद करने का आरोप लगाया।
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ब्रूक ने इंग्लैंड के रवैये में बदलाव की व्याख्या की
इंग्लैंड की बदली हुई सोच पर बात करते हुए ब्रूक ने कहा कि भारतीय खिलाड़ियों के मैदान पर बर्ताव को देखकर टीम ने मिलकर सख्त रवैया अपनाने का फैसला लिया। ब्रूक ने बताया कि जब मोहम्मद सिराज ने डकेट को आउट करने के बाद जोश में ज़ोरदार जश्न मनाया, तो इंग्लैंड को लगा कि अब बहुत हो गया। उन्होंने कहा, “हमें अच्छा बनने का मौका पिछली रात उनके बर्ताव ने नहीं दिया।”
ब्रूक ने बताया कि यह बदलाव सोच-समझकर किया गया था, ताकि भारत को सीरीज़ के बाकी मैचों में मानसिक तौर पर दबाव में डाला जा सके। उन्होंने कहा, “हमने देखा कि हमारे दो खिलाड़ी मैदान पर अकेले थे, और भारतीय खिलाड़ी उन पर हावी हो रहे थे। तब हमने सोचा कि अब बहुत हुआ, अब हम चुप नहीं बैठेंगे। हमने तय किया कि अब हम उतने ‘अच्छे लड़के’ नहीं रहेंगे।”
शुभमन गिल की अगुवाई वाली टीम जीत के साथ वापसी करना चाहेगी
जैसे-जैसे सीरीज़ मैनचेस्टर की ओर बढ़ रही है, भारत पर दबाव बढ़ता जा रहा है। कप्तान गिल और उनकी टीम को पता है कि अगर वे अगला मैच नहीं जीते, तो इंग्लैंड 3-1 की अजेय बढ़त बना लेगा। भारत ने कुछ अच्छे पल जरूर दिखाए हैं, लेकिन लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया है। खासकर बल्लेबाजी में, मध्यक्रम बार-बार जल्दी टूटता रहा है, जिस पर अब सबकी नज़र होगी। चौथा टेस्ट मुकाबला भावनाओं और दबाव से भरा हो सकता है, क्योंकि लॉर्ड्स में जो तनाव देखने को मिला, वो शायद यहां भी जारी रहे। भारत के लिए ज़रूरी होगा कि वह मानसिक रूप से मज़बूती दिखाए और गेंद-बल्ले दोनों से अच्छा प्रदर्शन करे। फैंस को उम्मीद है कि ओल्ड ट्रैफर्ड में दोनों टीमें पूरी ताकत से उतरेंगी और मुकाबला ज़बरदस्त होगा।