23 जुलाई 2025 को मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में इंग्लैंड और भारत के बीच बहुप्रतीक्षित चौथा टेस्ट मैच शुरू हुआ, और क्रिकेट प्रशंसकों को एक रोमांचक मुकाबले का आनंद मिला, जिसमें लगातार बदलती लय और व्यक्तिगत प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन देखने को मिला।
दूसरे दिन शानदार बल्लेबाज़ी के दम पर दबदबा बनाने वाला इंग्लैंड, तीसरे दिन भारत की पहली पारी के 358 रनों को पार करने के इरादे से मैदान में उतरा। सुबह का सत्र पूरी तरह मेज़बान टीम के नाम रहा, जिसका श्रेय मुख्य रूप से जो रूट और ओली पोप के बीच हुई बेहतरीन साझेदारी को जाता है। लेकिन जब लग रहा था कि इंग्लैंड पूरी तरह से मैच पर नियंत्रण हासिल कर लेगा, तभी वाशिंगटन सुंदर ने एक जादुई क्षण रचते हुए भारत की उम्मीदों को फिर से जगा दिया।
वाशिंगटन सुंदर को सफलता, केएल राहुल का शानदार कैच—पोप की पारी का अंत
इंग्लैंड ने तीसरे दिन की शुरुआत 225/2 के स्कोर से की, उस समय वह भारत से 133 रन पीछे था, और शुरुआत से ही आक्रामक रुख अपनाया। जैक क्रॉली और बेन डकेट की पारी ने जो नींव रखी थी, उसने पोप और रूट को आगे बढ़ने का भरपूर मौका दिया। दोनों का दृष्टिकोण संतुलित और आत्मविश्वास से भरा हुआ था।
भारतीय गेंदबाज़ संघर्ष करते नज़र आए और मौके बनाने में असफल रहे। एक रन आउट का चूका हुआ मौका और पोप का छूटा कैच भारत की निराशा को और गहरा करता गया। लंच तक रूट और पोप दोनों अर्धशतक बना चुके थे, और तीसरे विकेट के लिए साझेदारी 130 रन पार कर चुकी थी। इंग्लैंड ने पहले सत्र में बिना विकेट गंवाए 107 रन बनाए और भारत की बढ़त को घटाकर केवल 26 रनों तक सीमित कर दिया।
रूट, हमेशा की तरह क्लास दिखाते हुए, न केवल पारी को आगे ले गए बल्कि ओल्ड ट्रैफर्ड में 1,000 टेस्ट रन पूरे करने वाले पहले बल्लेबाज़ बने, और इस मैदान पर सर्वकालिक रन बनाने वालों की सूची में तीसरे स्थान पर पहुँच गए।
लेकिन दूसरे सत्र की शुरुआत में मैच का रुख बदल गया। इंग्लैंड का स्कोर 341/2 था और भारत को किसी प्रेरणादायक क्षण की सख्त ज़रूरत थी। यह मोड़ वाशिंगटन सुंदर ने ही दिया। नई गेंद मिलने से ठीक पहले, उन्होंने ऑफ स्टंप की बाहर जाती गेंद से पोप को फ्लिक करने के लिए उकसाया। गेंद का किनारा सीधे स्लिप में केएल राहुल के पास गया, जिन्होंने एक तेज़ और साफ़ कैच लेकर पोप की 128 गेंदों में 71 रनों की शानदार पारी का अंत किया। यह विकेट भारत के लिए निर्णायक साबित हुआ, क्योंकि इससे इंग्लैंड की बल्लेबाज़ी की रफ़्तार थम गई और एक सिरा खुल गया, जिसकी टीम को सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी।
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— Star Sports (@StarSportsIndia) July 25, 2025
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लंच के बाद भारत की दृढ़ता ने इंग्लैंड के खिलाफ वापसी का रास्ता बनाया
सुंदर द्वारा लिया गया यह विकेट मैच के रुख को तुरंत बदलता हुआ प्रतीत हुआ। इंग्लैंड की तेज़ शुरुआत ने भारतीय पुनरुत्थान की संभावनाओं को लगभग खत्म कर दिया था, लेकिन पोप का विकेट एक चिंगारी की तरह था, जिसने टीम में जान फूंक दी। सुंदर ने जल्द ही दूसरा झटका भी दिया, जब उन्होंने हैरी ब्रुक को आउट किया, और भारत ने मैच की लय वापस अपनी ओर मोड़ ली।
इंग्लैंड, जो कुछ समय पहले तक पूरी तरह हावी लग रहा था, अब लगातार विकेट गंवा रहा था। जैसे-जैसे नई गेंद का प्रभाव बढ़ा और भारत की बढ़त सिंगल डिजिट में सिमटी, गेंदबाज़ों ने अपनी लाइनें सख़्त कीं और तीव्रता में इज़ाफ़ा किया। पहले सत्र की मेहनत और निराशा के बाद अब गेंदबाज़ों ने लय हासिल कर ली थी और दबाव बनाना शुरू कर दिया था।
मैदान पर और ड्रेसिंग रूम में माहौल बदल गया था—जहाँ कुछ समय पहले हार की आशंका थी, अब उम्मीद दिखाई देने लगी थी। लंबे संघर्ष के बाद भारत ने खुद को मैच में दोबारा मज़बूती से खड़ा कर लिया।