ओल्ड ट्रैफर्ड में इंग्लैंड और भारत (ENG vs IND) के बीच चौथा टेस्ट ड्रॉ रहा, लेकिन इसके बाद साउथ अफ्रीका के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ डेल स्टेन और तबरेज़ शम्सी के बीच बहस छिड़ गई। विवाद की वजह बनी इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स की मैच जल्दी खत्म करने की पेशकश, जिसे रविंद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर ने ठुकरा दिया और अपनी सेंचुरी के लिए बल्लेबाज़ी जारी रखी।
मैनचेस्टर टेस्ट में विवादास्पद हैंडशेक को लेकर तबरेज शम्सी और डेल स्टेन के बीच मतभेद
दक्षिण अफ्रीका के दो खिलाड़ियों – डेल स्टेन और तबरेज़ शम्सी – के बीच इस मुद्दे पर खुलकर टकराव देखने को मिला। शम्सी ने जडेजा और सुंदर का समर्थन किया और कहा कि अगर वो खेलना चाहते थे तो ये उनका पूरा हक था। उन्होंने एक्स (ट्विटर) पर लिखा, “इतना हंगामा क्यों हो रहा है? एक प्रस्ताव दिया गया था, जिसे खिलाड़ियों ने ठुकरा दिया। उन्होंने मेहनत की और अपने शतक लिए। बात खत्म।”
लेकिन डेल स्टेन इससे सहमत नहीं थे। उन्होंने शम्सी को जवाब देते हुए कहा कि जब मैच का नतीजा तय हो गया था और ड्रॉ साफ नजर आ रहा था, तब बल्लेबाज़ों को खेल खत्म कर देना चाहिए था। उन्होंने कहा कि उस समय बल्लेबाज़ अपनी टीम के लिए नहीं, बल्कि अपने निजी रिकॉर्ड के लिए खेल रहे थे। स्टेन ने ये भी कहा कि भले ही ये नियमों के अनुसार सही था, लेकिन खेल की भावना के हिसाब से ठीक नहीं लगा।
इस बहस ने यह सवाल खड़ा कर दिया कि क्या खिलाड़ियों को अपने रिकॉर्ड के लिए खेलना चाहिए, जब मैच का नतीजा पहले से ही साफ हो? और क्या खेल भावना इससे आहत होती है?
Why is there such a big deal being made about the Indians choosing not to accept the offer to end the game in a draw immediately?
The offer was made..the offer was rejected n they were fully entitled to make their choice
They got their 100s which they worked hard for
Game over
— Tabraiz Shamsi (@shamsi90) July 28, 2025
Shamo this onion has many layers to it, and each one will make someone cry. The only issue I see here is the one thing people aren’t realizing, the batters weren’t playing for 100s, they were batting for a DRAW. That was the goal. Draw the game. Once that was accomplished, and a…
— Dale Steyn (@DaleSteyn62) July 28, 2025
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रिकॉर्ड बनाम खेल भावना: स्टेन और शम्सी की बहस ने क्रिकेट के मूल्यों पर उठाए सवाल
स्टेन ने कहा, “मैं यहां सिर्फ एक ही बात देख रहा हूं – लोग ये नहीं समझ रहे कि बल्लेबाज़ शतक के लिए नहीं, बल्कि मैच ड्रॉ कराने के लिए खेल रहे थे। यही उनका असली मकसद था – मैच बचाना।” स्टेन का मानना था कि जब ये मकसद पूरा हो गया और जीत-हार का कोई चांस नहीं बचा, तो बेन स्टोक्स द्वारा दी गई हाथ मिलाने की पेशकश को स्वीकार कर लेना चाहिए था। उनके मुताबिक, यही एक समझदारी और खेल भावना भरा फैसला होता।
हालांकि स्टेन ने माना कि नियमों के हिसाब से बल्लेबाज़ खेल जारी रख सकते हैं, लेकिन उन्होंने इसे थोड़ा अजीब और खुद के फायदे के लिए उठाया गया कदम बताया। उन्होंने कहा कि जडेजा और सुंदर ने बढ़िया बल्लेबाज़ी की, लेकिन मैच को खींचना जरूरी नहीं था, जब सबको पता था कि अब कुछ नहीं होने वाला।
स्टेन ने यह भी सुझाव दिया कि अगर खिलाड़ियों को वाकई शतक चाहिए था, तो उन्हें अपनी पारी की शुरुआत में ही तेज़ी से रन बनाने चाहिए थे, खासकर जब मैच का ड्रॉ होना लगभग तय था। उन्होंने कहा, “मैं नहीं मानता कि कोई ये तय कर सकता है कि कौन कितनी देर तक खेले, लेकिन आखिरी एक घंटा बचा हो, तब भी नियम कहते हैं कि आप मैच खत्म कर सकते हैं। जब नतीजा तय हो और जीत-हार का कोई मतलब न रह जाए, तो खेल खत्म कर देना चाहिए। उस आखिरी घंटे को सिर्फ पर्सनल रिकॉर्ड के लिए इस्तेमाल करना ठीक नहीं। टीम में ‘मैं’ जैसा कुछ नहीं होता।”
फिर उन्होंने हल्के अंदाज़ में कहा, “अगर तुम और मैं 90-90 रन पर नॉट आउट होते, तो हमें मैदान से बाहर निकालने के लिए टैंक बुलाना पड़ता! हाहा!”
Well I don’t think any one individual calls the shots for how long someone can bat, it’s just the rule that teams can shake with a hour left.
The game was Eng going for a win, India going for a draw, time says it’s pointless to play on, neither TEAM will win/lose so handshakes…— Dale Steyn (@DaleSteyn62) July 28, 2025