ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एशिया कप 2025 में भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर बीसीसीआई और केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की है। ओवैसी ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के कुछ महीनों बाद भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच होने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि जब बाकी सारे रिश्ते पाकिस्तान के साथ बंद हैं, तो फिर क्रिकेट खेलना कैसे ठीक माना जा सकता है? उन्होंने सरकार की नीति और फैसले की स्थिरता पर भी सवाल खड़े किए।
असदुद्दीन ओवैसी ने साधा निशाना
लोकसभा में “ऑपरेशन सिंदूर” पर हुई बहस के दौरान ओवैसी का बयान बेहद भावुक और तीखी आलोचना से भरा था। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस पुराने बयान का ज़िक्र किया जिसमें कहा गया था कि “खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।” इसी बात को लेकर ओवैसी ने सवाल उठाया कि जब भारत ने पाकिस्तान से व्यापार, हवाई और कूटनीतिक संबंध तक बंद कर दिए हैं, तो फिर क्रिकेट मैच कैसे खेला जा सकता है?
ओवैसी ने पूछा, “क्या सरकार में इतनी हिम्मत है कि पहलगाम हमले में मारे गए लोगों के परिवारों को बुलाकर कह सके कि हमने ऑपरेशन सिंदूर में बदला ले लिया है, अब आप पाकिस्तान के साथ मैच देख सकते हैं?” उन्होंने कहा कि वह खुद अपनी अंतरात्मा की आवाज़ सुनकर यह मैच नहीं देख सकते। ओवैसी का कहना था कि एक बड़े आतंकी हमले के कुछ समय बाद पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना बहुत ही दुख की बात है और यह देश की नीति के खिलाफ है। उन्होंने यह भी पूछा, “जब पाकिस्तान के जहाज़ हमारे हवाई क्षेत्र में नहीं आ सकते, उनकी नावें हमारे पानी में नहीं आ सकतीं, व्यापार बंद है, तो फिर क्रिकेट क्यों?” ओवैसी के इन सवालों में कई लोगों की भावनाएँ झलक रही थीं, जो इस समय पाकिस्तान के साथ किसी भी नरमी को लेकर नाराज़ और चिंतित हैं।
यह भी पढ़ें: एशिया कप की मंजूरी पर पाकिस्तानी खिलाड़ी दानिश कनेरिया ने की बीसीसीआई की आलोचना, कहा- देशभक्ति को अपनी सुविधा के अनुसार इस्तेमाल करना बंद करें
जनभावना, राजनीतिक दबाव और कूटनीति में क्रिकेट का स्थान
ओवैसी की बातों ने विपक्ष की आवाज़ को और तेज़ कर दिया है। अब कई सांसद यह कह रहे हैं कि ऐसे समय में भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच खेलना ठीक नहीं है। 14 सितंबर को एशिया कप में दोनों टीमों के बीच मैच होना है, जबकि कुछ ही महीने पहले पहलगाम में बड़ा आतंकी हमला हुआ था, जिसमें कम से कम 25 लोगों की जान गई थी। इसके बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई भी की थी।
चूंकि भारत और पाकिस्तान ने 2013 से कोई द्विपक्षीय सीरीज़ नहीं खेली है, और वे सिर्फ़ ICC या एशिया कप जैसे टूर्नामेंट में आमने-सामने आते हैं, इसलिए हर मैच सिर्फ़ खेल नहीं होता। यह एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन जाता है जिसे करोड़ों लोग देखते हैं और सरकार भी उस पर नज़र रखती है। BCCI का कहना है कि ये मैच एशियाई क्रिकेट परिषद (ACC) के नियमों के तहत तय होते हैं और ये आम द्विपक्षीय मैच नहीं हैं। लेकिन सोशल मीडिया पर लोग इस मैच को लेकर नाराज़ हैं। लोगों को लगता है कि पाकिस्तान के साथ इस तरह से खेलना ठीक नहीं, खासकर जब हाल ही में बड़ा हमला हुआ हो। ओवैसी ने केंद्र सरकार और BCCI से मांग की है कि वे इस मैच के पीछे छिपे भावनात्मक और राजनीतिक संदेश को समझें, और उन लोगों की भावनाओं का सम्मान करें जो हमले में अपने परिवार या साथी खो चुके हैं।