कुछ शानदार क्रिकेट मुकाबलों के बाद, एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी 2025 अब अपने आखिरी चरण में पहुँच गई है। इंग्लैंड और भारत की टीमें ओवल में सीरीज़ का अंतिम टेस्ट मैच खेलने वाली हैं। इंग्लैंड फिलहाल सीरीज़ में 2-1 से आगे है, इसलिए यह आखिरी मैच उनके लिए बहुत अहम है क्योंकि वे इस प्रतिष्ठित ट्रॉफी को जीतना चाहते हैं। वहीं, भारत की नज़रें सीरीज़ बराबर करने पर होंगी। इस मैच को लेकर दोनों टीमों की प्लेइंग-11 और रणनीतियों को लेकर कई चर्चा चल रही हैं। इसी बीच इंग्लैंड के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ स्टुअर्ट ब्रॉड ने भी अपने विचार साझा किए हैं, जिससे मैच का रोमांच और बढ़ गया है।
स्टुअर्ट ब्रॉड ने जोफ्रा आर्चर के साथ सावधानी बरतने की बात कही, पांचवें टेस्ट में एक प्रमुख तेज गेंदबाज का सुझाव दिया
इस बीच, इंग्लैंड के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ स्टुअर्ट ब्रॉड ने जोफ्रा आर्चर को लेकर एहतियात बरतने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि इंग्लैंड को आर्चर को ज़रूरत से ज़्यादा गेंदबाज़ी नहीं करवानी चाहिए, क्योंकि इससे उनकी फिर से चोटिल होने की आशंका बढ़ सकती है। ब्रॉड ने कहा कि आर्चर चार साल बाद टीम में लौटे हैं, इसलिए उनके साथ सावधानी से व्यवहार करना बहुत ज़रूरी है, खासकर टेस्ट क्रिकेट जैसे लंबे और बहुत अपेक्षाएँ रखने वाला फॉर्मेट में।
ब्रॉड का मानना है कि आर्चर की फिटनेस और भविष्य में खेलने की क्षमता बनाए रखने के लिए उनका कार्यभार ठीक से संभालना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि आखिरी टेस्ट मैच में गस एटकिंसन को मौका दिया जाना चाहिए। ब्रॉड ने कहा कि एटकिंसन पर अभी तक ज़्यादा गेंदबाज़ी का दबाव नहीं रहा है, लेकिन उन्हें अब बड़ी टीम के खिलाफ आज़माना चाहिए। स्काई स्पोर्ट्स से बात करते हुए ब्रॉड ने कहा, “हम आर्चर को वापस लाकर लगातार गेंदबाज़ी नहीं करवा सकते और फिर उन्हें चार साल तक न खेलते देखें। मुझे लगता है, एटकिंसन को यह टेस्ट खेलना चाहिए ताकि उसकी असली परीक्षा हो सके।”
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इंग्लैंड बनाम भारत टेस्ट मैच के लिए आर्चर की टेस्ट क्रिकेट में वापसी
आर्चर ने टेस्ट क्रिकेट में चोट के लंबे ब्रेक के बाद शानदार और बहुप्रतीक्षित वापसी की है। वह भारत के खिलाफ चल रही टेस्ट सीरीज़ का हिस्सा बने, जो उनके और इंग्लैंड टीम दोनों के लिए बड़ी बात रही। कोहनी और पीठ की लगातार चोटों से परेशान रहने के बाद उनकी वापसी एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है।
दाएं हाथ के इस तेज़ गेंदबाज़ ने अपने पहले दो टेस्ट मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने लॉर्ड्स और एक अन्य मैदान पर कुल 88.3 ओवर गेंदबाज़ी करते हुए 9 विकेट लिए। उनका गेंदबाज़ी औसत 28.67 रहा, जो यह दिखाता है कि चोट के बाद भी उनका नियंत्रण और धार बनी हुई है। आर्चर की तेज़ रफ्तार और सटीक लाइन-लेंथ ने उन्हें विरोधी बल्लेबाज़ों पर दबाव बनाने में मदद की। उन्होंने अहम मौकों पर विकेट लेकर टीम के लिए योगदान दिया। उनकी इस वापसी ने साबित कर दिया कि वह इंग्लैंड की टेस्ट टीम के तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण का एक अहम हिस्सा हैं। आने वाली सीरीज़ में भी उनसे बड़ी उम्मीदें रहेंगी।