• पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने बेन स्टोक्स की कप्तानी की तीखी आलोचना की है।

  • गावस्कर ने हाल ही में ओल्ड ट्रैफर्ड में ड्रॉ हुए चौथे टेस्ट के दौरान इंग्लैंड के समग्र सामरिक दृष्टिकोण पर सवाल उठाया।

ENG vs IND: सुनील गावस्कर ने चौथे टेस्ट में बेन स्टोक्स की कप्तानी और भारत के खिलाफ इंग्लैंड की सोच की आलोचना की
सुनील गावस्कर और बेन स्टोक्स (फोटो: X)

पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने ओल्ड ट्रैफर्ड में हाल ही में हुए चौथे टेस्ट मैच में इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स और उनकी टीम की रणनीति की कड़ी आलोचना की है। गावस्कर ने खासकर इंग्लैंड की पारी देर से घोषित करने के फैसले पर सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि जब मैच जीतने का मौका था और परिणाम पर ध्यान देना जरूरी था, तब इंग्लैंड ने इतनी देर तक बल्लेबाजी क्यों जारी रखी। गावस्कर ने कहा कि इंग्लैंड की जो बड़ी और आक्रामक बातें मैदान पर दिखाई नहीं दीं, खासकर तब जब जीत उनके हाथ में थी लेकिन भारतीय बल्लेबाजों के मजबूत खेल ने उन्हें रोक दिया। यह उनकी बात इंग्लैंड की टीम की रणनीति और असली खेलने के तरीके के बीच फर्क को दिखाती है।

सुनील गावस्कर ने इंग्लैंड पर सवाल उठाए और भारत के जज्बे की तारीफ की

अपनी बेबाक राय के लिए मशहूर गावस्कर ने मैनचेस्टर टेस्ट के दौरान इंग्लैंड की रणनीति पर खुलकर नाराजगी जताई। उन्होंने सीधे सवाल किया, “क्या इंग्लैंड ने पारी घोषित करने में बहुत देर कर दी? क्योंकि जब भारत ने बर्मिंघम में इंग्लैंड को 600 से ज्यादा रन का लक्ष्य दिया था, तब इंग्लैंड के कुछ खिलाड़ियों ने कहा था कि वे डर गए थे, इसलिए उन्होंने इतने ज्यादा रन दिए।” यह सवाल गावस्कर के उस विश्वास को दिखाता है कि इंग्लैंड ने जीतने का बड़ा मौका गंवा दिया।

इंग्लैंड ने चौथे दिन भारत को 311 रनों की बढ़त दी और शुरुआती बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल और साई सुदर्शन को बिना कोई रन बनाए आउट भी किया, फिर भी मैच ड्रॉ हो गया। यह भारत की बहादुर पारी की वजह से हुआ, जिसमें कप्तान शुभमन गिल और केएल राहुल की अच्छी साझेदारी थी, और बाद में वाशिंगटन सुंदर और रवींद्र जडेजा ने नाबाद शतक बनाए। गावस्कर ने गर्व जताते हुए कहा, “मुझे इस टीम और उनके प्रदर्शन पर बहुत गर्व है। सिर्फ़ चार विकेट गिरना, चाहे पिच कैसी भी हो, दबाव में टिके रहना, यह सब बहुत अच्छा है।”

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‘बहादुरी, बस थोड़ी-सी ऊंची बातें’: गावस्कर का तीखा आकलन

गावस्कर की आलोचना और भी तेज़ हो गई। उन्होंने इंग्लैंड टीम की नाटकीयता और दिखावे पर जोर दिया। उन्होंने उस आखिरी घंटे की घटना को याद किया जब इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने जडेजा और सुंदर को मैच ड्रॉ करने का मौका दिया, लेकिन दोनों बल्लेबाज इसे स्वीकार नहीं करना चाहते थे क्योंकि वे अपने-अपने शतक के करीब थे।

गावस्कर ने बताया कि जब दोनों ने मना किया, तो नाराज़ इंग्लिश खिलाड़ियों ने भारतीय बल्लेबाजों से कहा कि अगर शतक बनाना है तो तेज़ खेलो। उन्होंने कहा, “अगर शुभमन गिल मीडिया कॉन्फ्रेंस में होते, तो मैं उनसे पूछता कि आपने 311 रनों की बढ़त क्यों ली? आप 240 या 250 की बढ़त से क्यों खुश नहीं थे? जब बेन स्टोक्स ने शतक बनाया था, तो पारी घोषित क्यों नहीं की और अपने गेंदबाजों को और विकेट लेने का मौका क्यों नहीं दिया? मुझे पता है कि वे ये सवाल नहीं पूछेंगे क्योंकि वे अच्छे इंसान हैं। लेकिन मैं ये सवाल जरूर पूछ रहा हूँ।”

गावस्कर ने इंग्लैंड की बातों को भी याद दिलाया, जब वे भारत दौरे पर थे तो एक खिलाड़ी ने कहा था कि भारत को 600 से ज्यादा रन देने दो ताकि हमें पीछा करने के लिए कुछ मिले। लेकिन असल में इंग्लैंड ने 336 रन कम बनाए। उन्होंने कहा कि ये सब सिर्फ दिखावा था, खाली बातें थीं। गावस्कर की बातों से साफ होता है कि इंग्लैंड की जो बोलती है, और जो करता है, उसमें फर्क होता है। खासकर दबाव में उनकी रणनीतियां उनकी उम्मीदों के मुताबिक नहीं होतीं। इसका मतलब ये है कि इंग्लैंड हमेशा अपनी मर्ज़ी के हिसाब से सब कुछ नहीं कर पाता।

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