इंग्लैंड के तेज गेंदबाज ऑलराउंडर जेमी ओवरटन इस समय फ्रेंचाइजी और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट दोनों में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं और अच्छा असर दिखा रहे हैं।
जेमी ओवरटन: सीएसके के साथ आईपीएल 2025 से लेकर भारत के खिलाफ इंग्लैंड के निर्णायक टेस्ट तक
हाल ही में आईपीएल 2025 में जेमी ओवरटन को चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) ने 1.50 करोड़ रुपये के बेस प्राइस पर खरीदा है। ओवरटन की 150 किमी/घंटा की रफ्तार से गेंदबाजी करने और अच्छी सीम मूवमेंट निकालने की क्षमता उन्हें खास बनाती है। इसके साथ ही, उनकी आक्रामक बल्लेबाजी भी निचले क्रम में टीम के लिए फायदेमंद साबित होती है। इसलिए वे जहाँ भी खेलते हैं, एक अहम खिलाड़ी माने जाते हैं।
आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद ओवरटन ने काउंटी क्रिकेट में भी अपनी फॉर्म बनाए रखी। अब उन्हें भारत के खिलाफ होने वाले निर्णायक पांचवें टेस्ट मैच के लिए इंग्लैंड की टीम में जगह मिली है। यह मैच 31 जुलाई 2025 को उनके घरेलू मैदान द किया ओवल में शुरू होगा। इस सीरीज़ में पहले ही काफ़ी रोमांचक मुकाबले हो चुके हैं, और ओवरटन की वापसी इंग्लैंड की रणनीति को और मज़बूती देती है। उनका यह चयन 2022 में किए गए शानदार टेस्ट डेब्यू (97 रन) और लगातार सफेद गेंद क्रिकेट में अच्छे प्रदर्शन का नतीजा है। इंग्लैंड अब इस आखिरी टेस्ट को जीतकर सीरीज़ अपने नाम करने की कोशिश करेगा।
इंग्लैंड के तेज गेंदबाज ऑलराउंडर जेमी ओवरटन के बारे में कम ज्ञात तथ्य
1. प्रारंभिक जीवन और मज़बूत क्रिकेट की जड़ें:
जेमी ओवरटन का जन्म 10 अप्रैल 1994 को बार्नस्टेपल, डेवोन में हुआ था। उनका परिवार क्रिकेट से गहराई से जुड़ा हुआ था। उनके जुड़वां भाई क्रेग ओवरटन का जन्म जेमी के सिर्फ तीन मिनट बाद हुआ था।
उनके पिता, मार्क ओवरटन, एक स्थानीय व्यवसायी होने के साथ-साथ एक उत्साही क्लब क्रिकेटर भी थे। उन्होंने बचपन से ही अपने दोनों बेटों को क्रिकेट से जोड़ दिया। इस क्रिकेट भरे पारिवारिक माहौल ने दोनों भाइयों में खेल के प्रति जुनून और प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा की, जिसने आगे चलकर उनके प्रोफेशनल करियर की मजबूत नींव रखी।

2. प्रारंभिक वर्ष और विविध एथलेटिक विकास:
जेमी ने अपनी शुरुआती पढ़ाई बार्नस्टेपल के वेस्ट बकलैंड स्कूल में की, जो खेलों के लिए जाना जाता है। यह एक निजी स्कूल है जहाँ खेल गतिविधियाँ काफी मजबूत होती हैं। हालांकि, जेमी का दिल जल्दी ही क्रिकेट में लग गया था, लेकिन बचपन में उन्होंने शायद कई और खेल भी खेले। इन खेलों ने उनकी फिटनेस, चुस्ती और तालमेल को बेहतर बनाने में मदद की। यही मजबूत शारीरिक नींव आगे चलकर उनके लिए फायदेमंद साबित हुई, जब वह एक दमदार तेज गेंदबाज ऑलराउंडर के रूप में उभरे।
3. समर्पित माता-पिता का समर्थन और बलिदान:
जेमी और क्रेग की प्रोफेशनल क्रिकेट की यात्रा उनके माता-पिता, मार्क और हेलेन ओवरटन के लगातार समर्थन और बड़े बलिदानों की वजह से सफल हुई है।
4. पेशेवर मैदान से परे शौक और रुचियाँ:
क्रिकेट के अलावा, जेमी ओवरटन कई शौक रखते हैं जो उन्हें आराम करने और अपनी पसंद पूरी करने का मौका देते हैं। मज़ाक में वे कहते हैं कि उनका सबसे बड़ा शौक “क्रिकेट खेलना” है, जो इस खेल के प्रति उनके प्यार को दिखाता है। इसके अलावा, उन्हें घुड़सवारी और गोल्फ खेलने में भी बहुत रुचि है। वे वीडियो गेम खेलना, फिल्में देखना, घूमना-फिरना और संगीत सुनना भी पसंद करते हैं। ये सब चीज़ें उन्हें क्रिकेट से बाहर भी समय अच्छा बिताने में मदद करती हैं।
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5. एशेज 2005 प्रेरणा और प्रारंभिक महत्वाकांक्षा:
जेमी के शुरुआती क्रिकेट जीवन में एक बहुत खास पल था जब उन्होंने 2005 की एशेज सीरीज देखी। यह इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक रोमांचक मुकाबला था। इस मैच ने उनके अंदर क्रिकेट के प्रति एक बड़ा जुनून पैदा किया। इससे उन्हें यह ठाना कि वे भी गंभीरता से क्रिकेट खेलेंगे और इंग्लैंड के लिए सबसे बड़े स्तर पर खेलेंगे। इस मशहूर श्रृंखला ने कम उम्र में ही उनकी बड़ी महत्वाकांक्षा और मेहनत करने की लगन बढ़ाई।
6. अपरंपरागत बल्लेबाजी कौशल और नंबर 11 पर एक रिकॉर्ड:
हालांकि, जेमी को मुख्य रूप से गेंदबाजी के लिए जाना जाता है, लेकिन वे बल्लेबाजी में भी कम नहीं हैं। वे निचले क्रम में आक्रामक और बहुत अच्छे बल्लेबाज हैं। इसका उदाहरण 2014 का उनका रिकॉर्ड प्रदर्शन है, जब उन्होंने नंबर 11 बल्लेबाज के रूप में सबसे तेज़ चैम्पियनशिप अर्धशतक बनाया। यह उनकी हिम्मत और जल्दी रन बनाने की क्षमता दिखाता है, जिससे विरोधी टीमें अक्सर हैरान हो जाती हैं। उनके इस तरह के रन टीम के कुल स्कोर में बहुत मदद करते हैं और इन्हीं वजहों से उन्हें एक असली ऑलराउंडर माना जाता है।

7. ‘तेज’ जुड़वाँ और प्रारंभिक राष्ट्रीय मान्यता:
ओवरटन जुड़वाँ भाइयों में से, जेमी को तेज गेंदबाज के रूप में जाना जाता है। वह अक्सर 150 किलोमीटर प्रति घंटे (93 मील प्रति घंटे) या उससे ज्यादा की रफ्तार से गेंद फेंकते हैं। उनकी तेज रफ्तार और गेंद को सीम से हिलाने की कला बल्लेबाजों के लिए बहुत मुश्किल होती है, जिससे वे जल्दी ही राष्ट्रीय टीम के चयनकर्ताओं की नजरों में आ गए। जेमी ने पहली बार 2013 में, जब उनकी उम्र केवल 19 साल थी, ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर समरसेट टीम के लिए खेलते हुए अच्छा प्रदर्शन किया और लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा।
8. चोट की चुनौतियों और देरी से हुए अंतरराष्ट्रीय डेब्यू के बावजूद लचीलापन:
दुर्भाग्यवश, जेमी का करियर कई चोटों की वजह से मुश्किलों भरा रहा। उन्हें ठीक होने के लिए बहुत मानसिक ताकत और मेहनत करनी पड़ी। लेकिन अंत में, जून 2022 में उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ इंग्लैंड के लिए अपना लंबे समय से इंतजार किया हुआ पहला टेस्ट मैच खेला।
9. ऐतिहासिक टेस्ट पदार्पण और सफेद गेंद के प्रारूपों में बदलाव:
जब जेमी ने 2022 में हेडिंग्ले में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना पहला टेस्ट मैच खेला, तो उन्होंने बहुत ही अच्छा प्रदर्शन किया। अपनी पहली पारी में उन्होंने शानदार 97 रन बनाए और गेंदबाजी में भी टीम को मदद दी।
इस लाल गेंद वाले क्रिकेट में सफलता के बाद, उन्होंने सफेद गेंद वाले क्रिकेट में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया। 2024 में उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 अंतरराष्ट्रीय में भी डेब्यू किया। लगातार अच्छा खेलने की वजह से उन्हें इंग्लैंड की टीम में भारत के सफेद गेंद दौरे और 2025 की चैंपियंस ट्रॉफी के लिए चुना गया।
अपने सभी तरह के अच्छे प्रदर्शन और छोटे फॉर्मेट में खास प्रतिभा दिखाने के लिए, उन्हें 2023 में द हंड्रेड टूर्नामेंट में मैनचेस्टर ओरिजिनल्स के लिए प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया। उनकी सफलता के चलते उन्हें बिग बैश लीग की एडिलेड स्ट्राइकर्स, आईएलटी20 की गल्फ जायंट्स और इंडियन प्रीमियर लीग की चेन्नई सुपर किंग्स जैसी बड़ी टीमों ने भी अपनी टीम में लिया है। इससे वे दुनिया भर में एक लोकप्रिय क्रिकेटर बन गए हैं।
