• मयंती लैंगर ने टीम इंडिया के मुख्य कोच गौतम गंभीर और ओवल पिच क्यूरेटर के बीच हुई तीखी बहस पर विचार साझा किए।

  • पांचवें टेस्ट से दो दिन पहले पिच निरीक्षण के दौरान यह गरमागरम बहस सामने आई।

“गौतम गंभीर एक ऐसे व्यक्ति हैं जो…”: टीम इंडिया के मुख्य कोच और ओवल पिच क्यूरेटर के बीच मौखिक टकराव पर मयंती लैंगर ने दी प्रतिक्रिया
मयंती लैंगर और गौतम गंभीर (फोटो: एक्स)

इंग्लैंड और भारत के बीच चल रही एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी सीरीज़ में कई उतार-चढ़ाव और विवाद हुए हैं। मैदान पर जबरदस्त मुकाबला तो रहा ही, साथ ही बाहर भी बहसें और टकराव होते रहे, जो दोनों टीमों की कड़ी प्रतिद्वंद्विता दिखाते हैं। ओवल में अंतिम टेस्ट से दो दिन पहले यह तनाव तब और बढ़ गया, जब भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर और ओवल के पिच क्यूरेटर ली फोर्टिस के बीच कड़ी बहस हुई। यह घटना सीरीज़ का सबसे बड़ा विवाद बन गई।

ओवल पिच पर भारतीय मुख्य कोच गौतम गंभीर और मुख्य क्यूरेटर ली फोर्टिस के बीच विवाद

भारत के मुख्य कोच गंभीर और ओवल के मुख्य पिच क्यूरेटर फोर्टिस के बीच पाँचवें टेस्ट से दो दिन पहले पिच देखने के दौरान जोरदार बहस हुई। यह विवाद तब शुरू हुआ जब फोर्टिस ने गंभीर और उनके सहायक कोच सीतांशु कोटक को पिच से 2.5 मीटर दूर रहने को कहा। गंभीर को यह बात समझ नहीं आई क्योंकि वे मानते थे कि पिच निरीक्षण एक सामान्य प्रक्रिया है। उन्होंने क्यूरेटर से सवाल किया, “आप कौन होते हैं हमें बताने वाले?”

फोर्टिस ने उन्हें मैच रेफरी को रिपोर्ट करने की धमकी दी, जिससे गंभीर का गुस्सा और बढ़ गया। गंभीर ने जवाब दिया, “जिसे रिपोर्ट करनी है कर ले!” और कहा, “तुम तो बस एक ग्राउंड्समैन हो, अपनी जगह जानो।” बाद में कोटक ने कहा कि क्यूरेटर का व्यवहार ज़्यादा सतर्क और ज़रूरी नहीं था। टीम ने मामला बढ़ाने की बजाय इसे शांतिपूर्वक निपटाने का फैसला किया। ली फोर्टिस ने मीडिया से कहा, “मुझे गंभीर से कोई लेना-देना नहीं। मैं ठीक हूँ और हमारे पास छिपाने को कुछ नहीं है।” एक छोटी सी बात पिच तक पहुँच को लेकर बड़ी बहस बन गई, जो इस सीरीज़ के तनाव को दिखाती है।

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इंग्लैंड बनाम भारत टेस्ट सीरीज में हुई तीखी बहस पर मयंती लैंगर का नजरिया

ओवल में हुए इस विवाद ने खूब सुर्खियां बटोरीं, जिसमें मशहूर भारतीय स्पोर्ट्स एंकर मयंती लैंगर की भी प्रतिक्रिया आई। उन्होंने इस घटना को गहराई से समझाया और पिच क्यूरेटरों की मेहनत को सराहा। साथ ही, उन्होंने सवाल उठाया कि इतनी बड़ी सीरीज़ में इतनी तेज बहस ज़रूरी थी या नहीं।

अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में, मयंती ने कहा कि पिच क्यूरेटरों पर बहुत दबाव होता है। अगर पिच खराब लगी तो उनकी नौकरी भी जा सकती है। उन्होंने ओवल के मुख्य क्यूरेटर की तारीफ की, जो तीन साल तक ईसीबी का सबसे अच्छा क्यूरेटर रहे हैं और खुद भी दबाव में काम करते हैं।

फिर भी, मयंती ने भारतीय टीम की निराशा को समझा और कहा कि टीम को ड्रॉ से दुख हुआ है, उन्हें लगता है मैनचेस्टर में जीतना चाहिए था, इसलिए दबाव है। लेकिन उन्होंने कहा कि भारतीय टीम अनुभवी है और 1932 से इंग्लैंड के खिलाफ खेल रही है। उन्होंने गंभीर की भी तारीफ की कि वह अपने देश और टीम के लिए हमेशा 100% मेहनत करते हैं।

मयंती ने बताया कि मैच से पहले पिच देखना टीम का अधिकार है और यह खेल के नियम में है। उन्होंने गंभीर के व्यवहार की बात करते हुए कहा कि गंभीर एक सच्चे देशभक्त हैं। अंत में, मयंती ने एक सवाल पूछा कि अगर इतनी बड़ी सीरीज़ में भारत की टीम को पिच देखने से रोका जाता, या ब्रेंडन मैक्कलम और बेन स्टोक्स को पिच के पास नहीं आने देते, तो क्या आप चुप रहेंगे? उन्होंने यह दिखाया कि क्या इस तरह का टकराव सच में ज़रूरी था या नहीं।

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