इंग्लैंड और भारत के बीच ओवल में चल रहे रोमांचक पांचवें टेस्ट के दूसरे दिन सिर्फ मैदान पर नहीं, बल्कि उसके बाहर भी तनाव दिखा। इस तनाव का केंद्र रहे भारतीय बल्लेबाज़ के एल राहुल और अंपायर कुमार धर्मसेना। यह घटना उस समय हुई जब इंग्लैंड के जो रूट और भारतीय तेज़ गेंदबाज़ प्रसिद्ध कृष्णा के बीच तीखी बहस हो गई, और धर्मसेना ने बीच-बचाव किया।
जब धर्मसेना ने बहस को शांत करने की कोशिश की, तो राहुल मैदान पर आगे बढ़े और कृष्णा के समर्थन में उतर आए। उन्होंने धर्मसेना से तीखे शब्दों में पूछा कि क्या खिलाड़ी सिर्फ बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी करें और भावना न दिखाएं। राहुल ने स्पष्ट कहा, “आप हमसे क्या चाहते हैं? बस बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी करके घर चले जाएं?”
राहुल की यह प्रतिक्रिया बताती है कि उन्होंने न सिर्फ एक सीनियर खिलाड़ी के तौर पर, बल्कि एक टीममेट के रूप में भी मोर्चा संभाला और अपने साथी का मजबूती से बचाव किया।
धर्मसेना का सख्त जवाब, खिलाड़ियों को संयम की नसीहत
धर्मसेना ने भी तुरंत जवाब देते हुए कहा कि कोई भी गेंदबाज़ बल्लेबाज़ के इतने करीब जाकर इस तरह मौखिक टकराव नहीं कर सकता। उन्होंने कहा: “क्या आप चाहेंगे कि कोई गेंदबाज़ आपके पास आए और इस तरह बात करे? नहीं, आप ऐसा नहीं कर सकते।” उन्होंने राहुल को चेतावनी दी कि ऐसे लहजे में बात न करें और यह चर्चा मैच के बाद की जाएगी।
अंपायर की भूमिका में धर्मसेना ने स्पष्ट किया कि खेल में भावनाएं स्वीकार्य हैं, लेकिन उन्हें मर्यादा और खेल भावना के दायरे में रहना चाहिए।
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कृष्णा की गेंदबाज़ी और सीरीज़ का बढ़ता रोमांच
तनावपूर्ण घटनाओं के बीच प्रसिद्ध कृष्णा ने 62 रन देकर चार विकेट झटके और इंग्लैंड को पहली पारी में 247 रन पर रोक दिया। भारत ने दिन का अंत 52 रनों की बढ़त के साथ किया।
हालांकि राहुल और धर्मसेना के बीच यह टकराव खेल के माहौल पर कुछ समय के लिए हावी रहा, लेकिन इससे यह भी स्पष्ट हो गया कि यह टेस्ट सिर्फ स्कोर की लड़ाई नहीं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक दृढ़ता की भी परीक्षा है।
ओवल में दिखा यह उबाल सीरीज़ की गंभीरता और दोनों टीमों की प्रतिस्पर्धात्मक भावना को और भी गहराई देता है—टेस्ट क्रिकेट अपने असली रंग में है।
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