• शिखर धवन ने खुलासा किया है कि उन्होंने WCL 2025 में भारत बनाम पाकिस्तान मैचों का बहिष्कार क्यों किया।

  • धवन के स्पष्ट और सीधे स्पष्टीकरण को भारतीय जनता द्वारा व्यापक समर्थन मिला है।

शिखर धवन ने खुलासा किया कि उन्होंने WCL 2025 में भारत बनाम पाकिस्तान मैचों का बहिष्कार क्यों किया
Shikhar Dhawan reveals why he chose to boycott India vs Pakistan matches in WCL 2025 (PC: X.com)

शिखर धवन ने वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ लीजेंड्स (WCL) 2025 में भारत-पाकिस्तान मैचों में न खेलने का फैसला किसी दबाव या आदेश की वजह से नहीं, बल्कि अपने निजी विश्वास और देश की एकता की भावना के चलते लिया।

शिखर धवन ने पाकिस्तान के खिलाफ मैचों का बहिष्कार करने के अपने फैसले पर सफाई दी

अप्रैल में पहलगाम में हुए दर्दनाक आतंकी हमले के बाद पूरे भारत में गुस्सा और भावनाएं उभर आई थीं। इसी माहौल में पाकिस्तान के खिलाफ क्रिकेट खेलने का विचार लोगों को नागवार गुजरा, भले ही वह मैच रिटायर्ड खिलाड़ियों के बीच ही क्यों न हो।

20 जून को भारत और पाकिस्तान के बीच ग्रुप स्टेज का मैच तय था, लेकिन इसकी घोषणा होते ही सोशल मीडिया पर विरोध तेज हो गया। इसी जनभावना को समझते हुए शिखर धवन ने हरभजन सिंह और सुरेश रैना जैसे कई पूर्व भारतीय खिलाड़ियों के साथ उस मैच से हटने का फैसला लिया। बाद में WCL आयोजकों ने मैच रद्द कर दिया और भारतीय खिलाड़ियों से “अनजाने में हुई असुविधा” के लिए माफी भी मांगी। लेकिन मामला यहीं नहीं रुका। सेमीफाइनल में एक बार फिर भारत का सामना पाकिस्तान से होने वाला था, पर शिखर धवन के कड़े रुख के चलते भारत ने फिर खेलने से इनकार कर दिया। नतीजा यह हुआ कि मैच रद्द हुआ और पाकिस्तान बिना खेले ही फाइनल में पहुँच गया। इस पूरी घटना के बाद मीडिया और फैंस के बीच कई सवाल उठे – क्या धवन और बाकी खिलाड़ियों का यह फैसला BCCI या सरकार के दबाव में था? कुछ लोगों ने यह भी कहा कि प्रायोजकों और क्रिकेट अधिकारियों ने भी इस फैसले को प्रभावित किया हो सकता है।

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“मेरा देश मेरे लिए सब कुछ है, और राष्ट्र से ऊपर कुछ भी नहीं है”: धवन

हाल ही में एक इंटरव्यू में धवन ने साफ़-साफ़ बताया कि पाकिस्तान के खिलाफ मैच न खेलने का फैसला उन्होंने खुद लिया था। उन्होंने कहा, “मैं खुद इस मैच के खिलाफ था, और यह मेरा सोचा-समझा फैसला था। भज्जी पा (हरभजन सिंह) और कुछ और खिलाड़ियों ने भी मैच से हटने का फैसला किया था।”

धवन ने साफ़ किया कि उन पर किसी का कोई दबाव नहीं था। उन्होंने कहा, “हममें से कुछ खिलाड़ी पाकिस्तान के खिलाफ खेलने में सहज नहीं थे, और हमें इस मैच में खेलने की कोई ज़रूरत नहीं लगी। मेरे लिए देश सबसे पहले है। देश से बढ़कर कुछ नहीं।”

धवन की बातों से यह साफ़ हो गया कि यह फैसला खिलाड़ियों की भावनाओं और आत्मा की आवाज़ था। पहलगाम हमले ने कई खिलाड़ियों को गहराई से प्रभावित किया था, और उन्हें लगा कि ऐसे समय में पाकिस्तान के खिलाफ खेलना गलत संदेश दे सकता है। धवन के इस रुख का समर्थन कई सीनियर खिलाड़ियों ने भी किया। सबने मिलकर तय किया कि मौजूदा हालात में पाकिस्तान से खेलना सही नहीं होगा। भारतीय दिग्गजों की इस एकता ने आयोजकों को मजबूर किया कि वे फैंस की नाराज़गी और कुछ आलोचनाओं के बावजूद इस फैसले का सम्मान करें। धवन के सीधे और साफ़ जवाब को देशभर में लोगों का समर्थन मिला। इससे यह संदेश गया कि जब देश दुख में हो, तब कुछ फैसले खेल से ऊपर होते हैं।

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श्रेणी:: टी20 लीग पाकिस्तान फीचर्ड भारत

लेखक के बारे में:
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