इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान बेन स्टोक्स 2025 के द हंड्रेड टूर्नामेंट में नॉर्दर्न सुपरचार्जर्स टीम के लिए एक नई भूमिका निभाने वाले हैं, लेकिन इस बार वे खिलाड़ी के तौर पर नहीं बल्कि अन्य भूमिका में होंगे। 34 साल के स्टोक्स को कंधे की चोट की वजह से ओवल में भारत के खिलाफ आखिरी टेस्ट मैच से बाहर होना पड़ा था। उन्होंने हैमस्ट्रिंग सर्जरी कराई है और चोट से ठीक होने के लिए साल की शुरुआत में ही इस टूर्नामेंट में खेलने से मना कर दिया था। अब उनकी नई भूमिका ऐसी है जिससे वे अपने ठीक होने पर ध्यान दे सकें और साथ ही टीम के साथ जुड़े भी रह सकें।
द हंड्रेड 2025 में नॉर्दर्न सुपरचार्जर्स के साथ बेन स्टोक्स की नई भूमिका
नॉर्दर्न सुपरचार्जर्स ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर बताया है कि इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान स्टोक्स इस बार द हंड्रेड टूर्नामेंट में मेंटर (मार्गदर्शक) की भूमिका निभाएंगे। वे टीम के मुख्य कोच एंड्रयू फ्लिंटॉफ के साथ मिलकर खिलाड़ियों को सपोर्ट करेंगे।
स्टोक्स ने साफ किया है कि वे पारंपरिक कोच की तरह नहीं होंगे। जनवरी में ईएसपीएनक्रिकइन्फो को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, “आप मुझे द हंड्रेड पर बात करते जरूर देखेंगे, लेकिन खेल की तकनीक नहीं सिखाऊँगा। मुझे जनवरी में ही तय करना था कि मैं इस टूर्नामेंट में खेलूँगा या नहीं, लेकिन तब मेरी हैमस्ट्रिंग की सर्जरी हो चुकी थी। मैंने कहा कि मैं खेल नहीं सकता, फिर भी टीम का हिस्सा रहना चाहता हूँ। मैं आसपास रहूँगा, लेकिन मेरे पास कोई नोटबुक या पेन नहीं होगा। मैं सिर्फ समय दूँगा और साथ ही अपने रिहैब पर ध्यान केंद्रित करूँगा।”
स्टोक्स की यह नई भूमिका उन्हें टीम के साथ जुड़े रहने का मौका देती है, साथ ही वे अपनी चोट से उबरने की प्रक्रिया भी जारी रख सकते हैं। उनका नॉर्दर्न सुपरचार्जर्स से पुराना रिश्ता रहा है। उन्होंने 2021 से 2024 के बीच टीम के लिए पाँच मैच खेले हैं, जिनमें उन्होंने 14 रन बनाए और 5 विकेट लिए। टीम अपना अभियान लीड्स के हेडिंग्ले मैदान में वेल्श फायर के खिलाफ शुरू करेगी।
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भारत के खिलाफ इंग्लैंड के शानदार टेस्ट प्रदर्शन का शारीरिक नुकसान
द हंड्रेड में स्टोक्स का न खेलने का फैसला हाल ही में एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के दौरान उन पर पड़े शारीरिक दबाव का नतीजा है। इस टेस्ट सीरीज़ में स्टोक्स ने बल्ले और गेंद दोनों से शानदार प्रदर्शन किया और इंग्लैंड के लिए बहुत अहम भूमिका निभाई।
स्टोक्स जबरदस्त फॉर्म में थे। उन्होंने इंग्लैंड को 2-1 की बढ़त दिलाने में मदद की, 17 विकेट लिए और मैनचेस्टर टेस्ट में दो साल बाद एक शानदार टेस्ट शतक भी जमाया। उसी मैच में उन्होंने छह विकेट भी झटके, जो उस मुकाबले का सबसे अहम पल साबित हुआ। हालांकि, इन शानदार प्रयासों ने उनके शरीर पर बहुत असर डाला और उन्हें कंधे में चोट लग गई, जिसकी वजह से वे ओवल में खेले गए अंतिम और निर्णायक टेस्ट से बाहर हो गए। यह चोट टीम के लिए एक बड़ा झटका थी। स्टोक्स ने समझदारी से फैसला किया कि अब उन्हें अपनी लंबी अवधि की फिटनेस को प्राथमिकता देनी चाहिए, और जोखिम भरे मैच खेलने से फिलहाल बचना चाहिए। भारत ने वह रोमांचक आखिरी टेस्ट सिर्फ छह रन से जीतकर सीरीज़ 2-2 से बराबर कर दी।