शुभमन गिल दलीप ट्रॉफी 2025 में पहली बार उत्तर क्षेत्र की कप्तानी करते हुए नए कप्तान के तौर पर मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं। 25 साल के गिल, जो अपने शांत स्वभाव और बेहतरीन बल्लेबाज़ी के लिए जाने जाते हैं, इस मशहूर लाल गेंद टूर्नामेंट में अपनी टीम का नेतृत्व करेंगे। टूर्नामेंट की शुरुआत 28 अगस्त से बेंगलुरु में होगी, जहां गिल उत्तर क्षेत्र को आगे ले जाने की कोशिश करेंगे।
नॉर्थ जोन की टीम संरचना और प्रमुख खिलाड़ी
दलीप ट्रॉफी 2025 के लिए शुभमन गिल की उत्तर क्षेत्र की टीम अनुभव और युवा जोश का शानदार मेल है। टीम में अनुभवी खिलाड़ियों के साथ-साथ कई होनहार युवा भी शामिल हैं, जो इसे एक मज़बूत और संतुलित टीम बनाते हैं।
तेज़ गेंदबाज़ी की जिम्मेदारी बाएं हाथ के अर्शदीप सिंह संभाल रहे हैं, जिनका अंतरराष्ट्रीय अनुभव टीम के लिए काफ़ी काम आएगा। बल्लेबाज़ी में आयुष बदोनी और यश ढुल जैसे युवा खिलाड़ी हैं, जो ऊपरी क्रम में आक्रामक खेल के साथ-साथ लचीलापन भी दिखा सकते हैं।
मध्य क्रम को शुभम खजूरिया और अंकित कलसी जैसे भरोसेमंद बल्लेबाज़ों का सहारा मिलेगा। अंशुल कंबोज और मयंक डागर जैसी ऑलराउंडर जोड़ी गेंद और बल्ले दोनों से टीम को मज़बूती देगी। टीम में अंकित कुमार, साहिल लोत्रा, हर्षित राणा और युद्धवीर सिंह चरक जैसे युवा खिलाड़ी भी हैं, जो खुद को साबित करने के लिए तैयार हैं। विकेटकीपर कन्हैया वधावन टीम को एक अतिरिक्त गहराई देते हैं, जबकि स्पिन गेंदबाज़ी में औकीब नबी जैसे विकल्प मौजूद हैं। इस तरह गिल के पास एक संतुलित और उत्साही टीम है, जो दलीप ट्रॉफी जीतने की पूरी ताकत रखती है।
नॉर्थ जोन की टीम:
शुबमन गिल (कप्तान), शुभम खजूरिया, अंकित कुमार (उपकप्तान), आयुष बदोनी, यश ढुल, अंकित कलसी, निशांत सिंधु, साहिल लोत्रा, मयंक डागर, युद्धवीर सिंह चरक, अर्शदीप सिंह, हर्षित राणा, अंशुल कंबोज, औकिब नबी, कन्हैया वधावन (विकेटकीपर)।
इंग्लैंड के खिलाफ शुभमन गिल की शानदार सीरीज
हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ 2-2 से ड्रॉ कराने के बाद शुभमन गिल की कप्तानी की काफी तारीफ हो रही है। उनकी लीडरशिप अब चयनकर्ताओं और फैन्स के बीच चर्चा का बड़ा विषय बन गई है। इस सीरीज़ में गिल ने खासतौर पर गेंदबाज़ी में सही समय पर बदलाव और दबाव के पलों को अच्छी तरह संभालने की क्षमता दिखाई। मुश्किल सत्रों के बाद उन्होंने ड्रेसिंग रूम का माहौल शांत रखा और फील्ड सेटिंग्स में भी समझदारी दिखाई, जिससे भारत को पिछड़ने के बाद वापसी करने में मदद मिली।
गिल ने खुद भी बल्ले से टीम को संभाला। जब हालात मुश्किल थे, तब उन्होंने ज़रूरी पारियां खेलीं और स्थिरता बनाए रखी। इंग्लैंड दौरे पर उन्होंने टीम के खिलाड़ियों को प्रेरित किया और हालात के मुताबिक़ तेज़ी से ढलने की अपनी क्षमता दिखाई। अब यही गुण नॉर्थ जोन की दलीप ट्रॉफी टीम को भी मज़बूत बना सकते हैं, और टीम गिल के इस अनुभव का पूरा फायदा उठाना चाहेगी।