पिछले कुछ सालों में क्रिकेट को कई शानदार विकेटकीपरों ने गौरव दिलाया है, जैसे एडम गिलक्रिस्ट, मार्क बाउचर, इयान हीली, कुमार संगकारा और एमएस धोनी। इन सभी ने अपनी तेज़ फुर्ती, भरोसेमंद कैचिंग और शानदार नेतृत्व से विकेटकीपिंग के ऊंचे मानक बनाए हैं। इन खिलाड़ियों ने न सिर्फ विकेटों के पीछे शानदार काम किया, बल्कि बल्लेबाजी में भी अहम योगदान देकर अपनी टीमों की जीत में बड़ी भूमिका निभाई। कई बार तो इन्होंने अकेले दम पर मैच का रुख ही बदल दिया।
मोहम्मद अजहरुद्दीन ने नंबर वन विकेटकीपर का नाम बताया
पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अज़हरुद्दीन ने हाल ही में विश्व कप विजेता विकेटकीपर-बल्लेबाज़ सैयद किरमानी को “दुनिया का नंबर एक विकेटकीपर” बताया। तेलंगाना में किरमानी की आत्मकथा “स्टम्प्ड” के विमोचन के अवसर पर बोलते हुए, अज़हरुद्दीन ने उनके असाधारण विकेटकीपिंग कौशल, खासकर स्पिन-प्रधान गेंदबाजी आक्रमण के खिलाफ, और भारत की 1983 विश्व कप जीत में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
“वह दुनिया के नंबर एक विकेटकीपर हैं। ऐसा विकेटकीपर कभी पैदा नहीं हुआ। उनके लिए चार स्पिनरों के साथ विकेटकीपिंग करना आसान नहीं था। उन्होंने 1983 के विश्व कप में कई अच्छे कैच लपके। यहाँ तक कि जिस मैच में कपिल देव ने (ज़िम्बाब्वे के खिलाफ) 175 रन बनाए थे, उसमें भी उन्होंने महत्वपूर्ण 24 रन बनाए थे। आज इस कार्यक्रम में शामिल होकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। ईश्वर उन्हें दीर्घायु प्रदान करे। लोगों को भी यह किताब पढ़नी चाहिए और इसका आनंद लेना चाहिए, और मुझे उम्मीद है कि यह सफल होगी,” एएनआई के अनुसार अज़हरुद्दीन ने कहा।
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महान कीपर का प्रभावशाली करियर
सैयद किरमानी ने 1976 से 1986 तक भारत के लिए क्रिकेट खेला। उन्होंने 88 टेस्ट और 49 वनडे मैच खेले। टेस्ट मैचों में उन्होंने 27.04 की औसत से 2,759 रन बनाए, जिसमें दो शतक और 12 अर्धशतक शामिल हैं। विकेटकीपिंग में उन्होंने 160 कैच और 38 स्टंपिंग कीं। वनडे में किरमानी ने 20.72 की औसत से 373 रन बनाए, साथ ही 27 कैच और 9 स्टंपिंग भी कीं। वह अपनी शानदार विकेटकीपिंग और निचले क्रम में भरोसेमंद बल्लेबाजी के लिए मशहूर रहे। उन्हें भारत के सबसे बेहतरीन विकेटकीपरों में से एक माना जाता है।