दुनियाभर की क्रिकेट रैंकिंग में एक बड़ा बदलाव हुआ है। ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर एनाबेल सदरलैंड अब आईसीसी महिला टी20 अंतरराष्ट्रीय गेंदबाजी रैंकिंग में नंबर एक बन गई हैं। हालांकि, उन्होंने हाल के हफ्तों में कोई भी अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला है। 23 साल की एनाबेल ने इस फॉर्मेट में आखिरी बार मार्च में खेला था। उन्होंने पाकिस्तान की सादिया इकबाल और भारत की दीप्ति शर्मा को पीछे छोड़ दिया है। यह उनके पिछले बेहतरीन प्रदर्शन और क्रिकेट रैंकिंग सिस्टम की बदलती प्रकृति दोनों को दिखाता है।
एनाबेल सदरलैंड ने टी20आई में नंबर 1 रैंकिंग कैसे हासिल की?
सदरलैंड की रैंकिंग में बढ़ोतरी उनके अपने खेल की वजह से नहीं, बल्कि उनके प्रतिद्वंद्वियों के कमजोर प्रदर्शन के कारण हुई है। मार्च में न्यूजीलैंड के खिलाफ चार विकेट लेने के बाद उनके रेटिंग पॉइंट्स 736 थे। इसके बाद उन्होंने मैदान पर कोई मैच नहीं खेला, लेकिन उन्होंने दूसरों के कमजोर होते प्रदर्शन को किनारे से देखा।
पाकिस्तान की सादिया इकबाल ने आयरलैंड के खिलाफ तीन मैचों में सिर्फ तीन विकेट लिए, जिससे उनके रेटिंग पॉइंट्स कम हो गए और वह अब दूसरे स्थान पर आ गई हैं। भारत की दीप्ति शर्मा ने अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन फिर भी वह 732 रेटिंग पॉइंट्स के साथ सादिया के साथ मिलकर दूसरे स्थान पर हैं। आईसीसी की खिलाड़ी रैंकिंग हर अंतरराष्ट्रीय मैच के बाद अपडेट होती है। अगर कोई खिलाड़ी खेल नहीं रहा होता, तब भी उसके रेटिंग पॉइंट्स सुरक्षित रहते हैं। इससे जो खिलाड़ी खेलते हैं और कमजोर प्रदर्शन करते हैं, उनके नीचे हटने पर मैदान से दूर खिलाड़ी आगे बढ़ जाते हैं।
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स्टार खिलाड़ियों से सजी ऑस्ट्रेलियाई टीम में सदरलैंड की शानदार बढ़त
एनाबेल सदरलैंड का नंबर 1 रैंकिंग पर पहुंचना इस बात को साफ दिखाता है कि ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम में जगह बनाना कितना मुश्किल है। वहां पहले से ही कई टैलेंटेड खिलाड़ी मौजूद हैं, और ऐसे में सदरलैंड ने कम मौकों के बावजूद खुद को साबित किया है।
उन्होंने कई बड़े मौकों पर शानदार प्रदर्शन किया है – चाहे वो टेस्ट और वनडे में शतक हो या फिर दबाव भरे समय में लिए गए अहम विकेट। घरेलू क्रिकेट में वो विक्टोरिया और मेलबर्न स्टार्स की अहम खिलाड़ी रही हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्हें एलीस पेरी और मेगन शुट्ट जैसी सीनियर खिलाड़ियों के साथ जगह के लिए कड़ी टक्कर मिलती है। उनकी असली पहचान जून 2023 में ट्रेंट ब्रिज टेस्ट में बनी, जब उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए शतक लगाया। वे 1991 के बाद टेस्ट में सेंचुरी लगाने वाली सबसे कम उम्र की ऑस्ट्रेलियाई महिला खिलाड़ी बनीं।