• ड्रीम11 भारतीय क्रिकेट टीम के प्रायोजक के रूप में बाहर हो गया है।

  • इस स्थिति ने बीसीसीआई को इस संभावना पर विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है कि टीम इंडिया एशिया कप 2025 में बिना जर्सी प्रायोजक के खेलेगी।

ड्रीम11 टीम इंडिया के प्रायोजक पद से हटा; बीसीसीआई की एशिया कप 2025 से पहले नए सौदे पर नजर
ड्रीम11 ने भारतीय क्रिकेट टीम के प्रायोजक के रूप में नाम वापस लिया (फोटो: X)

कई दशकों से भारतीय क्रिकेट टीम न सिर्फ खेल का गौरव रही है, बल्कि देश की सबसे बड़ी ब्रांडिंग में से एक भी मानी जाती रही है। टीम इंडिया की जर्सी पर मौजूद बड़े-बड़े प्रायोजकों के लोगो अब क्रिकेट की पहचान का हिस्सा बन चुके हैं।

लेकिन एशिया कप 2025 के शुरू होने से कुछ ही हफ्ते पहले, यह तस्वीर बदलने वाली है। ड्रीम11, जो कभी 8 बिलियन डॉलर की वैल्यू वाला एक बड़ा फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म था, ने अचानक भारतीय टीम के मुख्य प्रायोजक के तौर पर खुद को पीछे हटा लिया है। यह फैसला ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 के लागू होने के बाद लिया गया है, जो रियल मनी गेम्स पर रोक लगाता है। इससे केवल प्रायोजन ही प्रभावित नहीं हुए हैं, बल्कि भारत में खेल, कानून और व्यवसाय के बदलते रिश्तों पर भी सवाल उठे हैं। अब बीसीसीआई नए प्रायोजक की तलाश में है, और यह बदलाव भारतीय क्रिकेट की प्रचार रणनीति और आर्थिक स्थिति को भी प्रभावित कर सकता है।

ड्रीम11 भारतीय क्रिकेट टीम के प्रायोजक के रूप में बाहर हो गया

ड्रीम11 का भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी से हटना अचानक नहीं हुआ, बल्कि पूरी तरह से क़ानूनी रूप से सुरक्षित था। कंपनी ने बीसीसीआई के साथ अपने ₹358 करोड़ के तीन साल के समझौते में एक खास शर्त जोड़ी थी, जिसके तहत अगर किसी सरकारी कानून की वजह से उनके कारोबार पर असर पड़ता है, तो वे बिना किसी आर्थिक जुर्माने के करार से बाहर आ सकते हैं।

यह शर्त, जो अप्रत्याशित घटनाओं (फोर्स मेज्योर) जैसी होती है, ड्रीम11 के लिए तब काम आई जब सरकार ने नया ऑनलाइन गेमिंग कानून लागू किया। इस कानून ने असली पैसों वाले फैंटेसी स्पोर्ट्स को गैरकानूनी करार दे दिया और इससे जुड़े विज्ञापनों और प्रायोजन पर भी रोक लगा दी गई। इसके चलते ड्रीम11 को न केवल अपना संचालन बंद करना पड़ा, बल्कि वे टीम इंडिया की स्पॉन्सरशिप से भी बाहर हो गए। बीसीसीआई को इस समय से पहले हुए करार खत्म होने पर कोई मुआवज़ा नहीं मिलेगा।

ड्रीम11 के लिए यह एक सुरक्षित रास्ता साबित हुआ, क्योंकि नए कानून के उल्लंघन पर सख्त सज़ा है—पांच साल तक की जेल और दो करोड़ रुपये तक का जुर्माना। ड्रीम11 क्रिकेट में सिर्फ़ एक प्रायोजक नहीं, बल्कि एक सक्रिय और बड़ा नाम रहा है। बायजू के हटने के बाद जुलाई 2023 में जब इसने टीम इंडिया की जर्सी पर जगह ली, तब से लेकर अब तक इसने वैश्विक क्रिकेट में भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। कैरेबियन प्रीमियर लीग, न्यूज़ीलैंड का सुपर स्मैश और ऑस्ट्रेलिया की बिग बैश लीग जैसे कई बड़े टूर्नामेंटों में यह प्रायोजक रह चुका है। भारत में भी ड्रीम11 आईपीएल के स्पॉन्सर के रूप में जुड़ा रहा और एमएस धोनी, रोहित शर्मा, हार्दिक पांड्या, ऋषभ पंत और जसप्रीत बुमराह जैसे खिलाड़ियों को अपना ब्रांड एंबेसडर बनाया। इसलिए ड्रीम11 का हटना सिर्फ़ एक लोगो के गायब होने की बात नहीं है, बल्कि यह क्रिकेट की मार्केटिंग की दुनिया में एक बड़े स्तंभ के गिरने जैसा है।

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बीसीसीआई नए प्रायोजकों की तलाश में

ड्रीम11 अब तक भारतीय टीम की उस लंबी सूची में शामिल हो गया है, जिसे “जर्सी जिंक्स” कहते हुए कई लोग क्रिकेट में एक तरह की बदकिस्मती मानते हैं। सहारा का लंबा साझेदारी समझौता कानूनी विवादों की वजह से खत्म हो गया, बायजू को वित्तीय और नियमों से जुड़ी तंगी के कारण पीछे हटना पड़ा, और अब ड्रीम11 को मान्य तकनीकी सुधारों की वजह से बाहर कर दिया गया है।

सबसे दिलचस्प बात यह है कि एशिया कप के लिए टीम इंडिया की जर्सी पहले ही तैयार हो चुकी है—लेकिन अब संभावना है कि टीम मैच मैदान पर बिना किसी मुख्य प्रायोजक के उतरेगी। कुछ रिपोर्ट्स बताती हैं कि टोयोटा और एक फिनटेक स्टार्टअप जैसी कंपनियाँ स्पॉन्सर बनने में रुचि रखती हैं, लेकिन अब समय बहुत कम है। बचे हुए तीन हफ़्तों में बीसीसीआई को न केवल वित्तीय कमी पूरानी है, बल्कि एक ऐसे प्रायोजक माहौल में विश्वास भी बहाल करना है जो अब नियमों के चलते बेहद अस्थिर हो गया है। इस संकट का असर सिर्फ राष्ट्रीय टीम तक सीमित नहीं है—इसके दायरे आईपीएल और फैंटेसी गेम्स जैसी अरबों की साझेदारियों पर भी पड़ सकते हैं।

असल में ऑनलाइन गेमिंग बिल का उद्देश्य रियल-मनी फैंटेसी गेम्स को खत्म करना, और ई-स्पोर्ट्स व शैक्षणिक प्लेटफॉर्म्स को बढ़ावा देना है। इससे पूरी खेल मार्केटिंग की संरचना बदल रही है। जब भारतीय टीम बिना किसी ब्रांड वाले जर्सी में मैदान में उतरेगी, तो यह सिर्फ एक दृश्य बदलाव नहीं, बल्कि एक प्रतीकात्मक क्षण होगा। वह समय गया जब प्रायोजन खेल की वित्तीय रीढ़ हुआ करता था। अब यह दिखने लगा है कि वो रीढ़ भी, नियमों और बाहरी दबावों के आगे कमजोर पड़ सकती है। बीसीसीआई को अब यह तय करना है कि कौन ड्रीम11 की जगह लेगा—लेकिन उससे भी ज़्यादा अहम यह है कि क्रिकेट बदलते समय में खुद को कैसे ढाले, जहां व्यापार, कानून और खेल पहले से कहीं ज़्यादा गहराई से जुड़ चुके हैं।

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श्रेणी:: एशिया कप बीसीसीआई

लेखक के बारे में:
क्रिकेट की दुनिया में जीते हैं। इस खेल के बारे में लिखना और देखना दोनों पसंद... धोनी के बहुत बड़े प्रशंसक। जुनूनी क्रिकेट राइटर जो दिलचस्प कंटेंट तैयार करने से पीछे नहीं हटते। पुलकित से संपर्क करने के लिए pulkittrigun@crickettimes.com पर मेल करें।