क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने हाल ही में रेडिट पर अपने फैंस के साथ बातचीत की। इस खास “आस्क मी एनीथिंग” सत्र में उन्होंने अपने करियर के यादगार पल और आधुनिक क्रिकेट के बारे में कई सवालों के जवाब दिए। लेकिन एक जवाब ने सबका ध्यान खास तौर पर खींचा—तेंदुलकर ने एक ऐसा नियम बताया जिसे वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बदलते देखना चाहते हैं।
सचिन तेंदुलकर ने बताया कि वह क्रिकेट में कौन सा नियम बदलना चाहेंगे?
नियम बदलने के बारे में पूछने पर, तेंदुलकर ने साफ कहा कि वे डीआरएस (निर्णय समीक्षा प्रणाली) से “अंपायर कॉल” नियम हटाना चाहते हैं। उनका कारण आसान और सोचने वाला था। उनका कहना था कि खिलाड़ी रिव्यू इसलिए लेते हैं क्योंकि वे मैदान पर अंपायर के फैसले से खुश नहीं होते। इसलिए, उनका मानना है कि आखिरी फैसला उसी अंपायर के निर्णय पर ही रहना चाहिए। तेंदुलकर ने कहा, “मैं डीआरएस के अंपायर कॉल वाले नियम को बदल दूंगा। खिलाड़ी रिव्यू इसलिए लेते हैं क्योंकि उन्हें मैदान के अंपायर का फैसला पसंद नहीं आता। इसलिए उस फैसले पर वापस जाना सही नहीं है।”
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तेंदुलकर ने खेल में मानवीय भूल पर अपना सोच प्रस्तुत किया
बल्लेबाजी के इस महान खिलाड़ी ने क्रिकेट में होने वाली मानवीय गलतियों पर भी अपनी राय दी। उन्होंने कहा कि जैसे खिलाड़ियों के प्रदर्शन में अच्छे-बुरे समय आते हैं, वैसे ही अंपायरों के भी ऐसे वक्त होते हैं जब उनके फैसले सही नहीं होते। उनका मानना है कि तकनीक, भले ही पूरी तरह सही न हो, फिर भी खेल में एक जैसी फैसले देने में मदद करती है, जो बहुत जरूरी है। तेंदुलकर ने कहा, “जैसे खिलाड़ियों के खराब दिन होते हैं, वैसे ही अंपायरों के भी खराब दिन होते हैं। तकनीक, चाहे गलत हो, कम से कम एक जैसा ही रहेगी।” उन्होंने बताया कि तकनीक पर भरोसा करने से खेल और ज्यादा न्यायसंगत बन सकता है।