आईसीसी महिला विश्व कप 2025 जैसे-जैसे करीब आ रहा है, भारतीय बल्लेबाज़ स्मृति मंधाना ने अपने पुराने अनुभवों को याद किया। उन्होंने इंग्लैंड में खेले गए अपने पहले वर्ल्ड कप की एक खास याद को साझा किया। यही टूर्नामेंट था जिसने उन्हें दुनियाभर में पहचान दिलाई और साथ ही भारत में महिला क्रिकेट की तस्वीर भी बदल दी।
स्मृति मंधाना ने 2017 वर्ल्ड कप की खास यादें की ताज़ा, टॉन्टन में लगाया शतक बताया करियर का टर्निंग पॉइंट
आईसीसी द्वारा इंस्टाग्राम पर हाल ही में डाले गए एक वीडियो में, स्मृति मंधाना से उनके पहले वर्ल्ड कप अनुभव (2017, इंग्लैंड) और टॉन्टन में वेस्टइंडीज के खिलाफ लगाए गए शतक के बारे में पूछा गया। स्मृति ने इस टूर्नामेंट को बेहद खास बताया और कहा कि यह ना सिर्फ़ उनके लिए, बल्कि भारत में महिला क्रिकेट के लिए भी एक बड़ा मोड़ साबित हुआ।
उन्होंने बताया कि उस वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के फाइनल तक पहुंचने से लोगों का ध्यान महिला क्रिकेट की ओर गया और इससे नई पीढ़ी को भी खेल के लिए प्रेरणा मिली। टॉन्टन में लगाया गया उनका वह शतक उनके करियर की सबसे खास पारियों में से एक था। स्मृति ने कहा कि वह शतक उनके लिए सिर्फ एक स्कोर नहीं था, बल्कि चोट के बाद वापसी की कहानी भी थी। वह एसीएल की चोट से उबरकर खेल में लौटी थीं और उन्हें नहीं पता था कि वे पहले जैसे खेल पाएंगी या नहीं। उन्होंने कहा: “मेरा मतलब है, उस टूर्नामेंट की यादें आज भी बिल्कुल ताज़ा हैं। वो वर्ल्ड कप भारत में महिला क्रिकेट को बदलने वाला साबित हुआ। टॉन्टन में लगाया गया शतक मेरे लिए बहुत मायने रखता है क्योंकि मैं उस समय एक बड़ी चोट से उबरकर आई थी। शतक लगाकर जो आत्मविश्वास मिला, वो मेरे लिए और टीम के लिए एक यादगार पल बन गया।”
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वीडियो यहां देखें:
महिला विश्व कप 2017 में टीम इंडिया का शानदार प्रदर्शन लेकिन निराशाजनक अंत
भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने आईसीसी महिला विश्व कप 2017 में शानदार खेल दिखाया, लेकिन लॉर्ड्स में खेले गए फाइनल में इंग्लैंड से 9 रन से हार कर उनका पहला वर्ल्ड कप जीतने का सपना अधूरा रह गया। पूरे टूर्नामेंट में टीम ने धैर्य, मेहनत और प्रतिभा का ज़बरदस्त प्रदर्शन किया और पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा। सलामी बल्लेबाज़ मंधाना ने शुरुआत में जबरदस्त बल्लेबाज़ी की। उन्होंने 9 मैचों में 94.31 के स्ट्राइक रेट से 232 रन बनाए। उनका एक शानदार शतक टूर्नामेंट की खास याद बना। हालांकि बाद में फॉर्म में गिरावट आई, जिससे टीम को नुकसान भी हुआ। फाइनल की हार के बावजूद, यह वर्ल्ड कप भारतीय महिला क्रिकेट के लिए एक बड़ा मोड़ साबित हुआ। इसने देशभर में महिला खिलाड़ियों को पहचान दिलाई और महिला क्रिकेट को नई ऊँचाई तक पहुँचाया।