इन दिनों जब कई बड़े क्रिकेटर संन्यास ले रहे हैं, उस दौर में चेतेश्वर पुजारा ने भी अपने क्रिकेट करियर को अलविदा कह दिया है। क्लासिक टेस्ट बल्लेबाज़ी के लिए मशहूर 37 वर्षीय पुजारा ने 103 टेस्ट मैच खेलने के बाद 24 अगस्त को अपने संन्यास की आधिकारिक घोषणा की। इस फैसले के बाद पुजारा ने अपने दिल की कुछ बातें भी साझा कीं, जो अब क्रिकेट दुनिया में चर्चा का बड़ा कारण बन गई हैं।
चेतेश्वर पुजारा ने अपने करियर पर किया विचार, अप्रत्यक्ष रूप से एक अफसोस जताया
हाल ही में टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में पुजारा से पूछा गया कि क्या उन्हें अपने क्रिकेट करियर में किसी बात का अफ़सोस है। इस पर उन्होंने कहा कि अगर उनके खेलते वक्त भारत वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) जीत लेता, तो बहुत अच्छा होता, लेकिन उन्हें अपने सफर का कोई पछतावा नहीं है। पुजारा ने कहा, “अगर हम अपने करियर के दौरान WTC जीत लेते तो अच्छा होता, लेकिन मुझे कोई पछतावा नहीं है।” अपने करियर में पुजारा WTC के दोनों फाइनल में भारतीय टीम का हिस्सा रहे। वह 2021 में न्यूज़ीलैंड से हारने वाली टीम में थे और 2023 के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हारने वाली टीम का भी हिस्सा रहे। यह 2023 वाला मैच ही उनका भारत के लिए आखिरी मैच बना, जो टीम के लिए एक बेहद निराशाजनक हार थी।
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पुजारा ने अपनी पसंदीदा पारी के बारे में भी बताया
पुजारा ने बताया कि उन्हें अपने करियर की जो पारी सबसे ज़्यादा याद है, वो श्रीलंका के खिलाफ श्रीलंका में खेली गई उनकी नाबाद 145 रन की पारी है। उस समय टेस्ट सीरीज़ 1-1 से बराबर थी और तीसरा मैच निर्णायक था। उन्हें ओपनिंग करने के लिए कहा गया, जबकि उन्होंने पहले दो टेस्ट मैच नहीं खेले थे। मुश्किल पिच पर बल्लेबाज़ी करना आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने धैर्य और मेहनत से टीम के लिए अहम पारी खेली। क्रिकबज से बातचीत में पुजारा ने कहा, “मुझे सबसे अच्छी तरह जो पारी याद है, वो श्रीलंका में खेली गई मेरी 145 रन की नाबाद पारी है। उस मैच में मुझे ओपनिंग करने के लिए कहा गया था, पिच मुश्किल थी और मैंने पहले दो टेस्ट नहीं खेले थे, इसलिए वो पारी मेरे लिए बहुत खास है।”