न्यूज़ीलैंड के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ नील वैगनर ने 2014 के ऑकलैंड टेस्ट मैच की यादें ताज़ा करते हुए विराट कोहली और एमएस धोनी के साथ अपनी भिड़ंत का अनुभव साझा किया। उन्होंने बताया कि भारत को उस मैच में 407 रन का बड़ा लक्ष्य मिला था, और उन्होंने मैदान पर इन दोनों दिग्गज बल्लेबाज़ों के रवैये में बड़ा फर्क महसूस किया।
2014 में विराट कोहली के खिलाफ वैगनर की रणनीति का खुलासा
रेड इंकर क्रिकेट पॉडकास्ट पर बात करते हुए नील वैगनर ने 2014 में ईडन पार्क, ऑकलैंड में भारत के खिलाफ खेले गए टेस्ट मैच को याद किया। उस मैच में भारत 407 रनों के बड़े लक्ष्य का पीछा कर रहा था और कोहली के साथ शिखर धवन क्रीज पर थे, जिससे भारत मज़बूत स्थिति में था।
वैगनर ने बताया कि उन्होंने कोहली को शॉर्ट गेंदों से परेशान करने की योजना बनाई क्योंकि पिच पर थोड़ी गति और उछाल थी। कोहली बाउंसरों से साफ़ असहज दिख रहे थे और उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि गेंद को खेलें या छोड़ें। उन्होंने कहा, “हमारी योजना थी कि गेंद को ऑफ स्टंप के बाहर क्रॉस और लाइन से फेंका जाए। कोहली ने स्क्वायर के आगे पुल करने की कोशिश की, लेकिन गेंद उनके पैर के अंगूठे से लगी और नीचे का किनारा लेकर विकेटकीपर बीजे वाटलिंग के पास चली गई।” कोहली 67 रन बनाकर आउट हो गए, जिससे भारत की पारी लड़खड़ा गई और बड़े लक्ष्य का पीछा करने की उनकी कोशिश कमजोर पड़ गई।
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एमएस धोनी के खिलाफ वैगनर का अलग दृष्टिकोण
विराट कोहली के आउट होने के बाद एमएस धोनी और रवींद्र जडेजा ने शानदार पलटवार किया, जिससे भारत की जीत की उम्मीदें फिर से जाग उठीं। दोनों ने मिलकर तेज़ी से 54 रन जोड़े और ऐसा लगने लगा कि भारत यह बड़ा लक्ष्य हासिल कर सकता है। नील वैगनर ने बताया कि कोहली के उलट, धोनी शॉर्ट गेंदों से ज़्यादा परेशान नहीं लग रहे थे। वो काफी बेफिक्र और आत्मविश्वास से भरे हुए थे। वैगनर ने महसूस किया कि धोनी को आउट करने के लिए कोई नई योजना बनानी होगी, क्योंकि पुरानी रणनीति काम नहीं कर रही थी। उन्होंने कहा, “धोनी और जडेजा जिस तरह खेल रहे थे, ऐसा लग रहा था कि वो मैच छीन लेंगे। तब मैंने सोचा कि कुछ अलग करना होगा। मैंने धोनी को धीमी बाउंसर फेंकी और वो उसे आगे बढ़ाकर खेल बैठे। मैं खुद हैरान रह गया कि वो उस गेंद पर आउट हो गए।” धोनी का विकेट मैच का नौवां विकेट था, और भारत आख़िरकार 40 रन से मुकाबला हार गया। वैगनर की इस बातचीत से साफ़ झलकता है कि कैसे कोहली को शॉर्ट गेंदों से परेशान किया जा सकता था, लेकिन धोनी जैसे धैर्यवान बल्लेबाज़ के सामने रणनीति बदलनी पड़ी।