भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने दलीप ट्रॉफी 2025 के क्वार्टर फाइनल मैचों के लाइव प्रसारण न होने पर फैन्स की नाराज़गी का आखिरकार जवाब दिया है।
भारत के इस बड़े घरेलू टूर्नामेंट का कोई भी मैच टीवी या ऑनलाइन नहीं दिखाए जाने पर सोशल मीडिया पर बीसीसीआई की काफी आलोचना हुई, क्योंकि यह दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड है। ये विवाद तब शुरू हुआ जब लोगों को पता चला कि मोहम्मद शमी, कुलदीप यादव और अर्शदीप सिंह जैसे मशहूर खिलाड़ी खेलने के बावजूद 28 अगस्त से बेंगलुरु में शुरू हुए क्वार्टर फाइनल मैचों का कोई भी लाइव कवरेज नहीं हुआ। अब बीसीसीआई के सचिव देवजीत सैकिया ने कहा है कि दलीप ट्रॉफी का फाइनल मैच 11 से 15 सितंबर तक लाइव दिखाया जाएगा।
दलीप ट्रॉफी 2025 का डिजिटल ब्लैकआउट, जिससे विवाद छिड़ा
दलीप ट्रॉफी के शुरुआती मैचों का लाइव प्रसारण न होने पर सोशल मीडिया पर काफी नाराज़गी देखने को मिली। यह आलोचना तब और तेज़ हो गई जब फैन्स ने बताया कि 4 अगस्त को इंग्लैंड के खिलाफ भारत की टेस्ट सीरीज़ खत्म होने के बाद से उन्हें कोई भी क्रिकेट मैच देखने को नहीं मिला था।
क्रिकेट प्रेमियों ने नाराज़गी जताई कि जब गली क्रिकेट के मैच भी आजकल यूट्यूब पर लाइव दिखाए जाते हैं, तो फिर भारत के बड़े खिलाड़ियों वाला इतना अहम टूर्नामेंट बिना किसी प्रसारण के क्यों हो रहा है। फैन्स की ये नाराज़गी इसलिए भी ज़्यादा थी क्योंकि 2024 में दलीप ट्रॉफी के सभी मैच स्पोर्ट्स18 नेटवर्क और जियोसिनेमा पर लाइव दिखाए गए थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ।
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बीसीसीआई ने दलीप ट्रॉफी प्रसारण को लेकर दी प्रतिक्रिया
बढ़ते दबाव के बीच, बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने स्थिति को साफ़ करने की कोशिश की। उन्होंने कहा, “दलीप ट्रॉफी के फाइनल का सीधा प्रसारण किया जाएगा। हमने अपने ब्रॉडकास्टर के साथ घरेलू क्रिकेट के 100 दिनों के लाइव कवरेज का समझौता किया है। इसका मतलब है कि हमारे सभी घरेलू टूर्नामेंट्स का सीधा प्रसारण होगा।”
लेकिन इस बयान से भी फैन्स संतुष्ट नहीं हैं। वे सवाल कर रहे हैं कि जब पूरा टूर्नामेंट इतना अहम है, तो सिर्फ फाइनल को ही क्यों दिखाया जा रहा है? सेमीफाइनल और क्वार्टर फाइनल जैसे ज़रूरी मैच क्यों अंधेरे में हैं? बीसीसीआई का मौजूदा प्रसारण पार्टनर वायकॉम 18 है, जिसने सितंबर 2023 से मार्च 2028 तक के लिए ₹5,963 करोड़ का पांच साल का करार किया है। इस समझौते में वायकॉम 18 को बीसीसीआई के सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मैचों के टीवी और डिजिटल अधिकार मिले हैं।
हालांकि, सूत्रों का कहना है कि यह करार हर मैच के प्रसारण की गारंटी नहीं देता। इसमें सिर्फ “100 दिन के घरेलू क्रिकेट” को दिखाने की अनुमति है, इसलिए यह तय करना पड़ता है कि कौन से मैच दिखाए जाएं और कौन से नहीं। इस वजह से कई अहम पल दर्शकों तक नहीं पहुंच पाए। जैसे मोहम्मद शमी की चोट के बाद वापसी, यश ढुल और अंकित कुमार की शानदार सेंचुरी, जिनकी मदद से उत्तर क्षेत्र सेमीफाइनल में पहुंचा। मध्य क्षेत्र के लिए भी दानिश मालेवार, रजत पाटीदार और यश राठौड़ ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और टीम को सेमीफाइनल में जगह दिलाई। ये सभी शानदार कहानियां दर्शकों तक नहीं पहुंच सकीं क्योंकि इन मैचों का कोई लाइव प्रसारण नहीं हुआ।