पाकिस्तान महिला क्रिकेट टीम 2025 वनडे विश्व कप की तैयारी कर रही है और सबकी नज़रें उनकी कप्तान फातिमा सना पर हैं। यह युवा ऑलराउंडर सिर्फ टीम को जीत की राह पर ले जाने पर ही नहीं, बल्कि दुनिया के सबसे बड़े कप्तानों में से एक एमएस धोनी से सीखी हुई लीडरशिप को अपनाने पर भी ध्यान दे रही हैं। सना ने धोनी के प्रति अपना गहरा सम्मान जताया और कहा कि उनके नेतृत्व के सिद्धांत ही वो रास्ता हैं, जिन पर चलकर वह विश्व कप में टीम को आगे बढ़ाना चाहती हैं। धोनी से उनकी प्रेरणा सिर्फ एक बयान नहीं, बल्कि इस बड़े टूर्नामेंट से पहले उनकी मानसिक तैयारी का अहम हिस्सा है।
पाकिस्तान की कप्तान फातिमा सना द्वारा एमएस धोनी की कप्तानी का खाका
फातिमा यह बताती हैं कि वह हमेशा खेल की सीखती रहती हैं और कप्तानी में उनके सबसे बड़े गुरु एमएस धोनी हैं। विश्व कप की तैयारी में वह सिर्फ अभ्यास और रणनीति नहीं करतीं, बल्कि धोनी के मैच और इंटरव्यू भी देखती हैं ताकि उनके शांत और संतुलित स्वभाव को समझ सकें।
सना ने पीटीआई को कहा, “विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में कप्तानी के शुरुआती समय में थोड़ी घबराहट होना सामान्य है, लेकिन मैं धोनी से प्रेरणा लेती हूँ।” उन्होंने बताया कि वह उनके मैदान पर फैसले लेने का तरीका, शांत रहना और खिलाड़ियों का समर्थन करना सीख रही हैं। सना के लिए दबाव में भी शांत रहना और अपने टीम को सही दिशा देना एक निजी लक्ष्य है। उन्होंने कहा, “जब मुझे कप्तानी मिली, तो मैंने सोचा मुझे धोनी जैसा बनना है। मैंने उनके इंटरव्यू भी देखे और बहुत कुछ सीखा।” धोनी की यह नेतृत्व शैली पूरे टूर्नामेंट में सना की कप्तानी पर असर डालेगी।
यह भी पढ़ें: एलिसा हीली के हाथों में कमान, ऑस्ट्रेलिया ने महिला विश्व कप 2025 के लिए टीम का किया ऐलान
महिला वनडे विश्व कप 2025 से पहले एक कप्तान का आत्मविश्वास और ऊंचे लक्ष्य
महिला वनडे विश्व कप में पाकिस्तान को अब तक जीत पाना आसान नहीं रहा है, लेकिन फ़ातिमा सना अब नए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रही हैं। उनका मानना है कि इस युवा टीम के पास अब कहानी बदलने की ताकत है। उन्होंने कहा, “इस बार पिछली नाकामियों की काली छाया टूटेगी। युवा खिलाड़ी समझती हैं कि यह टूर्नामेंट पाकिस्तान महिला क्रिकेट के लिए कितना महत्वपूर्ण है। हम अतीत को नहीं सोचेंगे।”
सना ने अपनी टीम के लिए साफ और बड़ा लक्ष्य रखा है: “मेरा लक्ष्य टीम को सेमीफाइनल तक ले जाना है।” इसके लिए वह अपनी टीम की ताकत पर ध्यान दे रही हैं, खासकर गेंदबाजों पर। वह कहती हैं, “हमारी टीम में बेहतरीन गेंदबाज हैं और स्पिनर हमारे तुरुप का इक्का होंगे। हम बल्लेबाजी से ज्यादा गेंदबाजी पर भरोसा करेंगे।”
हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि पिछले साल उन्होंने अपनी बल्लेबाजी को बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है और उन्हें उम्मीद है कि इसके अच्छे परिणाम मिलेंगे। टीम ने क्वालीफायर में सभी पांच मैच जीतकर अच्छा प्रदर्शन किया और अब विश्व कप में ऊँचा मनोबल लेकर उतर रही है। विश्व कप से पहले टीम अपनी रणनीति और एकजुटता पर अंतिम तैयारी कर रही है। इसके लिए उन्हें पहले दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन एकदिवसीय मैच खेलने हैं, जो उनकी ताकत की असली परीक्षा होंगे। इसके बाद वे श्रीलंका के खिलाफ दो अभ्यास मैच खेलेंगी ताकि हालात के अनुसार खुद को ढाल सकें। पाकिस्तान को अपने सभी विश्व कप मैच श्रीलंका में खेलने हैं, जिसका पहला मैच 2 अक्टूबर को कोलंबो में बांग्लादेश के खिलाफ होगा।