रोहित शर्मा के नेतृत्व में यशस्वी जयसवाल की सीख
अपने पहले टेस्ट से ही यशस्वी जायसवाल को रोहित शर्मा में सिर्फ़ एक ओपनिंग पार्टनर नहीं, बल्कि एक गाइड और साथी भी मिले। दोनों ने मिलकर 28 पारियों में 1,269 रन बनाए और शानदार तालमेल दिखाया। लेकिन यशस्वी के लिए रोहित का असली असर आँकड़ों से कहीं ज़्यादा है।
जायसवाल कहते हैं कि रोहित ने उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाया और उनकी तकनीक को निखारने में मदद की। मैदान के बाहर भी रोहित का साथ उनके लिए बहुत अहम रहा। नेट सेशन्स में बातचीत और मैचों के दौरान ईमानदार सलाह ने उन्हें आत्मविश्वास दिया और दबाव झेलना सिखाया। रोहित के अभ्यास के प्रति समर्पण ने भी यशस्वी पर गहरी छाप छोड़ी।
यशस्वी का मानना है कि रोहित की तकनीकी समझ और व्यक्तिगत मार्गदर्शन ने उन्हें टेस्ट क्रिकेट के लिए जल्दी तैयार होने में मदद की। उन्होंने कहा, “मुझे रोहित भाई के साथ रहना बहुत अच्छा लगता है। उन्होंने मुझे मानसिक और खेल दोनों तरह से बेहतर बनने में बहुत मदद की है। वह एक शानदार इंसान हैं। जब आप उनके साथ होते हैं या सिर्फ़ उन्हें देखते हैं, तो भी बहुत कुछ सीख जाते हैं।”
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विराट कोहली के साथ हंसी-मजाक और सीख
रोहित शर्मा जहाँ बड़े भाई और मार्गदर्शक की तरह रहे, वहीं विराट कोहली हर ड्रेसिंग रूम में ऊर्जा और हँसी लेकर आते थे। दोनों ने मिलकर 10 पारियों में 361 रन बनाए और रणनीति के साथ आक्रामक खेल दिखाया। यशस्वी के अनुसार, कोहली टीम का माहौल हल्का-फुल्का रखते थे और तनाव भरे पलों में भी मज़ाक करने से नहीं चूकते थे।
जायसवाल मानते हैं कि कोहली की तेज़ सोच और हास्य भावना का कोई मुकाबला नहीं है। भले ही वह खुद मज़ाकिया बनने की कोशिश करें, लेकिन कोहली का अंदाज़ एकदम अलग स्तर का होता है। हँसी-मज़ाक से आगे बढ़कर, कोहली का फिटनेस और मेहनत के प्रति समर्पण भी यशस्वी को बहुत प्रेरित करता रहा। उन्होंने देखा कि कैसे कोहली गंभीर अभ्यास और हल्के पलों का संतुलन बनाए रखते हैं, जिससे टीम का माहौल सकारात्मक रहता है।
जायसवाल ने कहा, “पाजी कमाल के हैं, सच में ज़बरदस्त। मैंने उनके साथ कई बार बल्लेबाज़ी की है। वो बहुत मज़ेदार हैं और हमेशा माहौल हल्का कर देते हैं। अगर आप उनके साथ रहेंगे, तो हँसी रुक ही नहीं सकती। और जब वो किसी बात को समझाते हैं, तो इतने विस्तार से और मज़ेदार तरीके से बताते हैं कि आप हँसे बिना रह ही नहीं सकते।”
मई 2025 में जब रोहित और कोहली टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेंगे, तब जायसवाल के ये अनुभव उनकी विरासत को और मज़बूती से उजागर करेंगे। मार्गदर्शन, मेहनत और ड्रेसिंग रूम की जोशभरी संस्कृति के ज़रिए इन दोनों दिग्गजों ने अगली पीढ़ी को तैयार किया है। और यशस्वी जैसे युवा खिलाड़ियों के साथ, टीम इंडिया का भविष्य बेहद उज्ज्वल दिखता है।