साल 2013 के बाद से भारतीय टीम एक भी आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीत सकी है। टीम इंडिया के कई बड़े स्टेज में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाने की वजह से उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। चाहे वह वर्ल्ड कप 2019 का सेमीफाइनल हो या फिर WTC फाइनल 2021 हर मौकों पर टीम ने फैंस को निराश किया है। हालाँकि टीम इंडिया के पास एक और बेहतरीन मौका है कि वह आगामी 7 जून से होने वाली WTC फाइनल 2023 में ऑस्ट्रेलिया को हराकर ख़िताब अपने नाम कर ले, लेकिन इंग्लैंड की तेज पिच पर कंगारुओं को हराना भारतीय टीम के लिए आसान नहीं रहेगा। इसी बीच ऑस्ट्रेलिया के पूर्व ओपनर बल्लेबाज मैथ्यू हेडन का एक बड़ा बयान सामने आया है।
दरअसल, हेडन का मानना है कि भारतीय टीम अपनी मानसिकता की वजह से आईसीसी खिताब नहीं जीत पा रही है। ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज ने टीम इंडिया को परिणामों के बारे में सबकुछ भूलकर प्रक्रिया पर ध्यान देने की सलाह दी है।
हेडन ने समाचार एजेंसी पीटीआई से अपनी बातचीत में कहा कि – “इसमें निश्चित रूप से स्किल का तो कोई सवाल ही नहीं है। इसलिए, ये सिर्फ अवसर और मानसिकता का सवाल होना चाहिए। मेरा मतलब है कि यहां क्रिकेट ही जीवन है। यह खेल का डीएनए है और इसका कोई अन्य प्रतियोगी नहीं है। वहीं, ऑस्ट्रेलिया में अगर मैं गलियों में चले जाऊं तो शायद मुझे कोई पहचान भी नहीं पाएगा, खासतौर पर इस भयानक ढाढ़ी और टोपी के साथ तो बिल्कुल नहीं (हंसते हुए)। वहां क्रिकेट के अलावा भी कई अन्य प्रतिस्पर्धी खेल हैं। जैसे, रग्बी, फुटबॉल, हमारे वाटरस्पोर्ट्स, सर्फिंग, आउटडोर खेल और यहां भारत में काफी सीमित है (ज्यादातर सिर्फ क्रिकेट पसंद करने वाले लोग) और इसलिए वहां काफी दबाव (खिलाड़ियों पर) होता है।”
हेडन ने अपनी इंटरव्यू के दौरान आगे कहा – “स्कोरबोर्ड पर नजर रखें, खिताब को ध्यान में रखें, और सिर्फ खेलते जाएं, और अपने प्रक्रिया का ठीक से पालन करते जाएं। ये कुछ वैसा ही जो आप फ्रेंचाइजी सेटअप में देखते हैं। गुजरात टाइटन्स ने इस साल वाकई में अच्छा प्रदर्शन किया है, सीएसके ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। मुंबई इंडियंस भी इसी तरीके की प्रक्रिया में विश्वास रखती है। इसलिए भारतीय क्रिकेट को मेरी सलाह यही होगी कि नतीजों को भूल जाएं और सिर्फ अपने प्रक्रियाओं का ठीक से पालन करते जाएं।”
बता दें, भारतीय टीम ने अपना आखरी आईसीसी ट्रॉफी दिग्गज कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में जीती थी। जब टीम इंडिया ने चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में इंग्लैंड को उसी के घर में हराया था।