भारतीय टेस्ट बल्लेबाज हनुमा विहारी ने बुधवार को आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच रणजी ट्रॉफी मैच के दौरान एक अनोखे साहस और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया।
दरअसल, इंदौर के होल्कर स्टेडियम में चल रहे चौथे क्वार्टर फाइनल के पहले दिन आंध्रा टीम की कप्तानी कर रहे हनुमा, आवेश खान की एक गेंद पर बुरी तरह चोटिल हो गए। इस दौरान उनकी कलाई टूट गई और उन्हें रिटायर हर्ट होने के लिए मजबूर होना पड़ा। 29 वर्षिये इस बल्लेबाज के वापस जाने के बाद विकेटों की झड़ी लग गई। एक के बाद एक खिलाड़ी आउट होते चले गए। ऐसे में हनुमा ने एक बार फिर बल्लेबाजी करने की ठानी और अपनी पारी को शुरू करने का साहसी निर्णय लिया।
भारत के लिए अब तक 16 टेस्ट मैच खेल चुके हनुमा 11वें नंबर पर आए और उन्होंने 9वें नंबर के बल्लेबाज ललित मोहन (नाबाद 22) के साथ आखिरी विकेट के लिए 26 रन जोड़े। इस दौरान सबसे चौंकाने वाला यह रहा कि हनुमा जो एक नियमित दाएं हाथ के बल्लेबाज हैं, चोट के चलते उन्होंने बाएं हाथ से बल्लेबाजी की। वह आउट होने वाले आंध्रा के आखिरी बल्लेबाज थे। विहारी ने 57 गेंदों में 27 रन बनाए और पहली पारी में 379 रन बनाने में अपनी टीम के लिए एक साहसी योगदान निभाया।
हनुमा द्वारा एक हाथ से बल्लेबाजी किये जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
Do it for the team. Do it for the bunch.
Never give up!!
Thank you everyone for your wishes. Means a lot!! pic.twitter.com/sFPbHxKpnZ— Hanuma vihari (@Hanumavihari) February 1, 2023
बता दें, हनुमा पिछले साल तक भारतीय टीम का एक अभिन्न हिस्सा थे। श्रेयस अय्यर और अक्षर पटेल के उभरने के बाद टीम में वह अपना स्थान खो दिए। 29 वर्षीय बल्लेबाज को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी चार मैचों की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए भारत की टीम में नहीं चुना गया।
मैच की बात करे तो पहली पारी में आंध्रा के लिए रिकी भुई (149) और किरदंत करण शिंदे (110) ने अपने-अपने शतक लगाकर टीम को एक सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया। जवाब में मध्य प्रदेश की टीम पहली पारी में 228 रन पर सिमट गई। हालाँकि दूसरी पारी में मध्य प्रदेश के गेंदबाजों ने विपक्षी टीम को जल्दी ही ऑल आउट कर दिया और अब खेल के चौथे दिन मध्य प्रदेश ने 85-1 रन बना लिए। खबर लिखे जाने तक टीम को जीत के लिए 160 रनो की आवश्यकता थी।