भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी अंशुमान गायकवाड़ का 71 साल की उम्र में निधन हो चुका है। वह लंबे समय से ब्लड कैंसर से जूझ रहे थे। उनके निधन के बाद पूरा क्रिकेट जगत शोक में है। बीसीसीआई सेक्रेटरी से लेकर क्रिकेट क्षेत्र से जुड़े तमाम लोगों ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी है।
बता दें कि गायकवाड़ हाल ही में लंदन से इलाज कराकर भारत लौटे थे। उनका लंदन के किंग्स कॉलेज अस्पताल में ब्लड कैंसर का इलाज चल रहा थ। यहां तक कि पूर्व कप्तान कपिल देव समेत कई पूर्व खिलाड़ियों ने उनके इलाज के खर्च के लिए बीसीसीआई से मदद की अपील की थी। जिसपर ध्यान देते हुए भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने भी मदद का हाथ बढ़ा दिया। शाह ने गायकवाड़ के इलाज के लिए 1 करोड़ सहायता राशि के रूप में देने का ऐलान किया था। आईए भारतीय क्रिकेट में उनके योगदान पर एक नजर डालते हैं।
गायकवाड़ ने 40 टेस्ट मैचों में भारत को रेप्रेजेंट किया है जिसमें उनके बल्ले से दो शतक और दस पचासे निकले। इसते अलावा वह भारत के लिए 15 वनडे मुकाबले भी खेल चुके हैं। उनके फर्स्ट क्लास करियर की बात करें तो उन्होंने 40 से अधिक की औसत से 12000 से ज्यादा रन बनाए जिसमें 34 शतक और 47 अर्द्धशतक शामिल थे।
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1982 में पाकिस्तान के खिलाफ जालंधर टेस्ट में गायकवाड़ के 201 रन की शानदार पारी को भला कौन भुल सकता है जब उन्होंने क्रीज पर 11 घंटे से ज्यादा समय तक क्रीज पर बिता दिए थे। जो उनके गेंदबाजों को डटकर सामना करने की क्षमता को दर्शाती है। हालांकि, 1974 में अपना इंटरनेशनल डेब्यू करने वाले गायकवाड़ ने 1987 में ही रिटायरमेंट ले लिया। इसके बाद भी वह खेल से दूर नहीं हुए। उन्होंने कोचिंग के क्षेत्र में कदम रखा। वह 1997 से लेकर 1999 तक भारत के कोच रह चुके हैं।
चूंकि, उनके अंतराल में भारतीय मेंस क्रिकेट टीम का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा। ऐसे में उन्होंने पद छोड़ दिया और उनकी जगह कपिल देव को भारत का अगला कोच बना दिया गया। इसके बाद, गायकवाड़ केन्या की नेशनल टीम के भी कोच रहे थे। हालांकि, जब उन्हें 2009 में कोचिंग कॉन्ट्रैक्ट दिया गया तो उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से इसे अस्वीकार कर दिया था। 2018 में, उन्हें BCCI ने कर्नल सी. के. नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया।